अपनी ही सरकार के खिलाफ क्यों प्रदर्शन करने लगे छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम

रायपुर. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे के बीच छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर अपनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन पर उतर आए हैं। सीएम हाउस में धरना देने से पहले रायपुर में उनकी घेराबंदी हो गई। रायपुर के एम्स अस्पताल के पास पुलिस ने उन्हें रोक दिया गया और नजरबंद कर दिया गया। उनके गेस्ट हाउस के बाहर प्रशासन और पुलिस का पहरा है। उन्हें हाउस से बाहर जाने नहीं दिया जा रहा है। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम मुख्यमंत्री निवास के बाहर धरना देने कोरबा से रायपुर आए हैं। ननकीराम शासन और जिला प्रशासन के खिलाफ गुस्से में नजर आ रहे हैं और वे लगातार अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
बता दें कि दिग्गज आदिवासी नेता और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने कोरबा कलेक्टर के खिलाफ बीते दिनों 14 गंभीर शिकायतें की थीं। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर 4 अक्टूबर तक कार्रवाई नहीं हुई तो वे राजधानी में धरने पर बैठेंगे। वह शनिवार को सीएम हाउस के सामने धरना देने निकले थे। हालांकि, उन्हें गहोई भवन में नजरबंद कर दिया गया है और वे वहां से निकलने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। ननकीराम कंवर का कहना है कि अगर प्रशासन इसी रवैये पर कायम रहा तो अगली बार भाजपा की सरकार नहीं बनेगी।
पूर्व गृहमंत्री शुक्रवार देर शाम रायपुर पहुंचे थे और धरने की जानकारी जिला प्रशासन को पहले ही पत्र के जरिए दे चुके थे। शनिवार सुबह 10.30 बजे धरना स्थल पर पहुंचने के प्रयास के दौरान पुलिस ने उन्हें रोक लिया। राज्य शासन ने ननकीराम के शिकायती पत्र पर बिलासपुर संभागायुक्त सुनील जैन से जांच रिपोर्ट मांगी है। सुनील जैन ने बताया कि शासन की ओर से अभी लिखित आदेश नहीं मिले हैं। आदेश मिलने के बाद वे रिपोर्ट सौंपेंगे और नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि कलेक्टर हिटलरशाही तरीके से प्रशासन चला रहे हैं। स्व-सहायता समूह की महिलाओं से अरबों रुपये की ठगी, फर्जी मुआवजे और अन्य अनियमितताओं में कलेक्टर की संलिप्तता है। ननकीराम ने यह भी आरोप लगाया कि कलेक्टर भाजपा कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को टार्गेट कर रहे हैं। पत्रकार के मकान को गिराना, पार्टी कार्यकर्ताओं के राइस मिल और पेट्रोल पंप को सील करना भी शामिल है।




