राजनीतिक

बीजेपी राजनीति में परिवार नियोजन पर विश्वास नहीं करती, नए सहयोगियों का स्वागत करती है – अमित शाह

नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के साथ बातचीत चल रही है। एक कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि बीजेपी राजनीति में परिवार नियोजन पर विश्वास नहीं करती है और हमेशा नए सहयोगियों का स्वागत करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा। उन्होंने भविष्यवाणी की कि बीजेपी 370 सीटें जीतेगी, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को चुनाव में 543 में से 400 से अधिक सीटें मिलेंगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया कि, केंद्र में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर कोई संशय नहीं है और यहां तक कि कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों को भी एहसास हो गया है कि उन्हें फिर से विपक्ष में बैठना होगा।
उन्होंने ‘ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट 2024 में कहा, ‘‘हमने (पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के) अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया है, इसलिए हमें भरोसा है कि देश की जनता बीजेपी को 370 सीटों और एनडीए को 400 से अधिक सीटों पर जीत दिलाकर अपना आशीर्वाद देगी।
जयंत चौधरी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल, शिरोमणि अकाली दल और कुछ अन्य क्षेत्रीय दलों के एनडीए में शामिल होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने सत्तारूढ़ गठबंधन में और दलों के शामिल होने का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ‘‘परिवार नियोजन में विश्वास करती है लेकिन राजनीति में इसे नहीं अपनाती।
शिरोमणि अकाली दल के शामिल होने की संभावना को लेकर फिर से पूछे जाने पर शाह ने कहा, ‘‘वार्ता जारी है लेकिन कुछ भी तय नहीं हुआ है।
अमित शाह ने कहा कि 2024 का चुनाव एनडीए और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) के बीच नहीं, बल्कि विकास और महज नारे देने वालों के बीच का चुनाव होगा।
गृहमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा के बारे में पूछे जाने पर कहा कि नेहरू-गांधी वंशज को इस तरह की यात्रा करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि 1947 में देश के विभाजन के लिए उनकी पार्टी जिम्मेदार थी। शाह ने अयोध्या में राम मंदिर को लेकर कहा कि इससे पहले तुष्टिकरण की राजनीति के कारण और कानून-व्यवस्था का हवाला देकर राम मंदिर नहीं बनने दिया गया।

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