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उद्योगों द्वारा प्रभावी कदम नहीं उठाने के कारण कांग्रेस शासनकाल में हुए 26 एमओयू निरस्त

रायपुर। वित्तीय वर्ष 2019-20 से 23-24 तक पिछली सरकार ने विभिन्न उद्योग कंपनियों के साथ 218 एमओयू निष्पादित किए गए, जिनमें कुल प्रस्तावित पूंजी निवेश राशि रूपये 1,27,922.54 करोड़ है। इनमें से 162 राज्य के, 54 राष्ट्रीय तथा 02 विदेशी कंपनियों है। उक्त अवधि के 26 एमओयू निवेशको के अनुरोध पर अथवा समयावधि में कोई भी प्रभावी कदम नहीं उठाने के कारण निरस्त किये गये हैं। यह जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन देवांगन ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान लिखित में दिए।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पांच वर्ष में हुए एमओयू की स्थिति पूछा था। इसमें कितने एमओयू राज्य/राष्ट्रीय/विदेश के कंपनियां हैं? कितने एमओयू किन-किन कंपनियों के साथ, किन-किन कारणो से निरस्त कर दिए गए है? कंपनियों को उद्योग लगाने हेतु कहां-कहां किस जिले में कितनी शासकीय/निजी भूमि आबंटित की गई? इनमे कौन-कौन सी कंपनियां स्थापित हो उत्पादन प्रारंभ कर दिया है कित्तने रोजगार के पद सृजित किया जाना था एवं छत्तीसगढ़ के कितने लोगों को रोजगार प्रदाय किया गया है?

देवांगन ने बताया कि 218 कंपनियों में से कुल 34 कंपनियों को औद्योगिक प्रयोजन हेतु कुल रकबा 702.236 हेक्टेयर भूमि लैंड बैंक से सीएसआईडीसी लिमिटेड द्वारा आबंटित की गई है। जिसमें शासकीय भूमि रकबा 594.088 हेक्टेयर तथा निजी भूमि रकबा 108.148 हेक्टेयर सम्मिलित है। 53 कंपनियों द्वारा स्थापित उद्योगों में वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ कर दिया गया है। 27 कंपनियों द्वारा उद्योग निर्माणाधीन है तथा 80 कंपनियों में उद्योग स्थापना के लिए क्रियान्वयन प्रारंभ कर दिया गया है। शेष 32 कंपनियों द्वारा स्थल चयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निष्पादित कुल 218 कंपनियों में 138509 व्यक्तियों को रोजगार दिया जाना प्रस्तावित है। उद्योग प्रारंभ होने वाली इकाईयों में छत्तीसगढ़ के 16647 लोगों को रोजगार प्रदान किया गया तथा उत्पादनरत इकाईयों में 16409.04 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश किया गया है।

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