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कब से शुरू होगा रोहिणी नक्षत्र का प्रभाव? ज्योतिषी से जानें किसानों के लिए इस बार कैसा रहेगा मानसून

जब सूर्य एक राशि से किसी दूसरी राशि में गोचर करता है तो इसका प्रभाव राशियों के ऊपर पड़ता है. लेकिन, जब सूर्य नक्षत्र परिवर्तन करता है तो इसका प्रभाव राशि के साथ मौसम पर भी पड़ता है. वहीं, ग्रहण के राजा सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश कर चुका है. इसके साथ ही मई के अंतिम दिनों में सूर्य अपना नक्षत्र परिवर्तन करने वाला है.

जिसका प्रभाव राशि के साथ मौसम पर भी अवश्य पड़ेगा. इसलिए राशि के तरह नक्षत्र परिवर्तन में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. तोह आईये देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर के तीर्थपुरोहित प्रमोद श्रृंगारी से जानतै है कि कब सूर्य नक्षत्र परिवर्तन करने वाले है. इसका प्रभाव क्या रहने वाला है?.

क्या कहते है देवघर के ज्योतिषआचार्य
देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर के प्रसिद्ध तीर्थपुरोहित सह ज्योतिष आचार्य प्रमोद श्रृंगारि ने लोकल के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि राशि परिवर्तन के तरह नक्षत्र परिवर्तन भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.वहीं, ग्रहण के राजा सूर्य 25 मई को अपना नक्षत्र परिवर्तन करने वाले हैं. 25 में को सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे. जैसे ही सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. उसके ठीक 9 दिनों तक नौतप्पा लग जाएगी. नौतप्पा मे पृथ्वी सबसे ज्यादा गर्म रहती है. इस साल गुरु और शुक्र अस्त होने की वजह से आंधी बारिश की भी संभावनाएं रहने वाली है. जैसे ही सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे किसान बीज की बुआई शुरू कर देते हैं. सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करना बेहद शुभ माना जाता है.

कैसा रहना वाला है इस साल किसानो के लिए रोहिणी नक्षत्र
ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि इस साल ग्रहण नक्षत्र की दृष्टि ऐसी है कि किसानों के लिए खेती के समय अच्छी बारिश होने वाली है. क्योंकि, नौतपा में कितनी गर्मी पड़ेगी उतनी बारिश की संभावना ज्यादा रहने वाली है. इस साल मानसून में अच्छी बारिश होने के कारण खेती किसानी भी अच्छी होने वाली है.

नौतप्पा में करें इन चीजों का दान
ज्योतिषआचार्य बताते हैं कि सूर्य का रोहिणी नक्षत्र मे परिवर्तन करना शुभ माना जाता है. इसलिए जैसे ही सूर्य रानी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं अगर जातक दान पुण्य करता है तोह शुभ फलो कि प्राप्ति होती है. इन दिनों मे फल, घड़ा, वस्त्र का दान अवश्य करना चाहिए. जैसे दूध, दही का दान के साथ गुड़ चने का दान अवश्य करे इससे सभी प्रकार के रोग और दोष समाप्त हों जायेंगे और शुभ फलो कि प्राप्ति होगी.

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