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कृष्ण का दुर्लभ मंदिर, मीरा के साथ विराजे हैं गिरधर गोपाल, वैराग्य में यहां बिताया था वक्त

प्रेम दीवानी मीरा की कृष्ण भक्ति के किस्से हम बचपन से सुनते आ रहे हैं. लेकिन दुनिया भर में मंदिर राधा-कृष्ण के होते हैं. उदयपुर में एक मंदिर ऐसा है जहां भगवान कृष्ण मीरा के साथ विराजे हैं. स्थानीय लोग बहुत श्रद्धा से उन्हें पूजते हैं.

मीरा यानि भगवान श्री कृष्ण की परम भक्त. हम उदयपुर शहर के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भगवान कृष्ण राधा रानी के साथ नहीं बल्कि मीरा के साथ विराजित हैं और उसी रूप में यहां पर भगवान की पूजा अर्चना भी होती है. दरअसल उदयपुर के आहड़ क्षेत्र में सैकड़ो वर्ष पुराना मंदिर है. यहां पर मीरा की चरण पादुकाएं भी मौजूद हैं जिनकी पूजा अर्चना आज भी होती है.

वैराग्य में यहां रही थीं मीरा
इतिहासकार गिरीश शर्मा यहां की क्विंदंति और पौराणिक कथा बता हैं. वैराग्य के दौरान मीरा ने मेवाड़ में कई जगह अपना समय व्यतीत किया था. यहां पर वो भगवान श्री कृष्ण की सेवा करती थीं. इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के साथ मीरा की प्रतिमा स्थापित है. दोनों की पूजा अर्चना भी की जाती है. मीरा का यह मंदिर मेवाड़ राज परिवार ने बनवाया है. पास में एक मीराबाई की बावड़ी भी बनवाई थी यहां पर मीरा की चरण पादुकाएं आज भी रखी हुई हैं.

पुरातात्विक धरोहर
उदयपुर शहर का ये दुर्लभ मंदिर अब पुरातत्व विभाग की देखरेख में है. विभाग ने इसे संरक्षित कर रखा है. इस मंदिर की बनावट खास नागर शैली की है. यह ऐतिहासिक नजरिए से एक महत्वपूर्ण जगह मानी जाती है. देश-विदेश से कई आर्कियोलॉजिस्ट इस खास मंदिर को देखने आते हैं.

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