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विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह का हार का सामना करना पड़ा, चुनाव में हार के बाद राजनेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी हैं

रायपुर । छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह का हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव में हार के बाद राजनेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी हैं। कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने छत्‍तीसगढ़ में हार के लिए ईवीएम को जिम्‍मेदार ठहराया है। उन्‍होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि 2024 में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर से होने चाहिए। 2023 के विधानसभा चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ। कांग्रेस की यहां बड़ी हार हुई, जबकि भाजपा ने प्रचंड जीत दर्ज पांच साल बाद फिर से सत्‍ता में वापसी कर ली है।

नतीजे के दो दिन बाद कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने बयान दिया है।उन्‍होंने कहा, छत्‍तीसगढ़, मध्‍यप्रदेश और राजस्‍थान विधानसभा चुनाव के जो परिणाम आए हैं, वो बेहद ही अप्रत्‍याशित और चौंकाने वाले हैं। विशेषतौर से छत्‍तीसगढ़ को लेकर जो पार्टी का आंकलन था और जो परिणाम आएं हैं वो इस बात को साबित करने के लिए पर्याप्‍त हैं कि यहां कहीं न कहीं ईवीएम में गड़बड़ियां हुई हैं। यहां की जनता आज भी यह मानने को तैयार नहीं है कि यहां कांग्रेस की सरकार नहीं बनी है। चुनाव आयोग को इसे देखना चाहिए।

उन्‍होंने कहा, प्रजातंत्र में यदि किसी प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं तो भविष्‍य में इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। बैलेट पेपर से चुनाव होने चाहिए। कुरूद विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी के उम्‍मीदवार ने दावा कि उन्‍होंने परिवार के साथ वोट डाला, लेकिन उन्‍हें शून्‍य वोट मिला। रायपुर दक्षिण में स्‍वतंत्र महिला उम्‍मीदवार ने भी इस तरह का दावा किया है।

रायपुर ग्रामीण में भाजपा का उम्‍मीदवार चुनाव के दौरान कहीं दिख नहीं रहा था, 40 हजार वोट से जीत गया। ये अप्रत्‍याशित परिणाम कैसे आएं हैं। कहीं न कहीं ईवीएम पर सवाल खड़ा हो रहा है। बता दें कि छत्‍तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए हैं। भाजपा ने 54 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस महज 35 सीटों पर सिमट गई। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 71 सीटों पर कब्‍जा किया था। भाजपा 15 सीटें ही जीत पाई थी।

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