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सेंट्रल सेक्टर से ज्यादा बिजली लेने पर अब प्रति यूनिट 12 रुपए का ही झटका

रायपुर . सेंट्रल सेक्टर से जुड़े छत्तीसगढ़ सहित आधा दर्जन से ज्यादा राज्यों को तय शेड्यूल से ज्यादा बिजली लेने पर अब तक 38 से 40 रुपए यूनिट में भी बिजली लेनी पड़ती थी, लेकिन केंद्र सरकार ने नियमों में जो बदलाव किया है, उससे अब बड़ी राहत मिली है। अब किसी भी हाल में 12 रुपए यूनिट से ज्यादा कीमत नहीं ली जा रही है।

ऐसा होने से छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी को भी बड़ी राहत मिली है, क्योंकि कई बार विकट परिस्थितियों में तय शेड्यूल से ज्यादा बिजली लेने की जरूरत पड़ती है।
छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी की अपनी उत्पादन क्षमता 2960 मेगावाट है। लेकिन कभी भी अपना उत्पादन पूरा नहीं होता है। आमतौर पर अपना उत्पादन 22 से 23 मेगावाट या फिर कई बार इससे भी कम उत्पादन होता है। जहां तक खपत का सवाल है तो इस साल तो खपत ने नया रिकॉर्ड बनाया है।

अपनी खपत छह हजार मेगावाट के पार जा चुकी है। बिजली की खपत को पूरा करने के लिए सेंट्रल सेक्टर से ही ज्यादा बिजली ली जाती है। राज्य का शेयर साढ़े तीन हजार मेगावाट का है, लेकिन किस दिन कितनी बिजली लेनी है, इसका शेड्यूल पहले तय होता है। तय शेड्यूल से 12 प्रतिशत तक ज्यादा बिजली लेने पर तो तय कीमत लगती थी, लेकिन इसके बाद ज्यादा बिजली लेने पर यूआई चार्ज लगता था। इसके बारे में अधिकारी बताते हैं कि ज्यादा बिजली लेने पर बिजली में सबसे महंगे प्लांट की कीमत लगती थी। यह कीमत 38 से 40 रुपए यूनिट तक भी चली जाती थी।

नियम बदलने से बड़ी राहत
सेंट्रल सेक्टर में छत्तीसगढ़ के अलावा दूसरे राज्य भी शामिल हैं। जिस भी राज्य को तय शेड्यूल से ज्यादा बिजली की जरूरत पड़ती है, उसको अब तय ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही थी, लेकिन अब केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने नियम बदले हैं तो सभी राज्यों को इसके कारण राहत मिल गई है। छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक कई बार छत्तीसगढ़ को 38 रुपए यूनिट की दर से बिजली लेनी पड़ी है। लेकिन अब राहत मिल गई है। अब ज्यादा बिजली की जरूरत पड़ने पर महज 12 रुपए प्रति यूनिट के ही देने पड़ रहे हैं।

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