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भारत-कनाडा संबंधों को नई दिशा: PM मोदी और मार्क कार्नी की अहम बैठक में बनी सहमति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के कनानास्किस में चल रहे जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक में वैश्विक मुद्दों, लोकतंत्र की मजबूती, आतंकवाद, ऊर्जा सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे अहम विषयों पर चर्चा हुई। बैठक के बाद दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। यह बैठक भारत और कनाडा के बीच विश्वास, सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है।

जी-7 सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक की शुरुआत में कनाडा को जी-7 सम्मेलन में भारत को आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि उन्हें 2015 के बाद एक बार फिर कनाडा आकर यहां की जनता से जुड़ने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। जी-20 शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में भारत ने जो पहल की थी, अब उसे जी-7 में आगे ले जाने का अवसर मिला है। हम वैश्विक भलाई के लिए इस मंच का उपयोग करने को लेकर हमेशा इच्छुक रहे हैं।

AI, सुरक्षा और लोकतंत्र को लेकर कनाडा से हुई गहन चर्चा
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री मोदी की मेजबानी को सम्मान बताते हुए कहा कि भारत और कनाडा मिलकर ऊर्जा सुरक्षा, ऊर्जा परिवर्तन, एआई के भविष्य और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जैसे विषयों पर मिलकर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा, आपका यहां होना आपके नेतृत्व की अहमियत और वैश्विक मुद्दों में भारत की भूमिका को दर्शाता है।

भारत-कनाडा के रिश्तों में आई नई ऊर्जा
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने भारत-कनाडा संबंधों की मजबूती पर बल देते हुए कहा कि कनाडा में भारत के लोगों का और भारत में कनाडा की कंपनियों का निवेश दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करने वाले इन दोनों देशों को मानवता और लोकतंत्र की मजबूती के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

भारत-कनाडा के व्यापार को मिलेगी नई रफ्तार
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक को ‘शानदार’ बताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि व्यापार, ऊर्जा, अंतरिक्ष, स्वच्छ ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिज और उर्वरकों जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच अपार संभावनाएं हैं। दोनों नेता इन संभावनाओं को साकार करने के लिए मिलकर काम करने को तैयार हैं।

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