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काश, मैं टैक्स को जीरो कर पाती! आलोचनाओं के बीच बोलीं वित्त मंत्री

टैक्स सिस्टम को लेकर ट्रोलर्स के निशाने पर रहने वाली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अब प्रतिक्रिया दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि वह चाहती हैं कि टैक्स को शून्य तक ला सकें, लेकिन भारत के सामने कई चुनौतियां हैं। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘कई बार वित्त मंत्री होने के नाते मुझे लोगों को जवाब देना पड़ता है कि हमारे टैक्स ऐसे क्यों हैं। लोग पूछते हैं कि आखिर हम इससे भी नीचे क्यों नहीं जा सकते हैं? काश मैं इसे लगभग शून्य तक ला पाती। लेकिन भारत की चुनौतियां गंभीर हैं और चुनौतियों से पार पाना होगा।’

निर्मला सीतारमण ने कहा- सरकार सिर्फ बात नहीं कर रही है। यह R&D (अनुसंधान और विकास) में पैसा लगा रही है। ये वह पैसा है जो टैक्सेशन से कमाया जाता है। यह मेरा काम है इसलिए मैं आपको यह बताऊंगी। मेरा काम राजस्व जनरेट करना है। मेरा काम लोगों को परेशान करना नहीं है।

निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि देश को वर्ष 2047 तक एनर्जी सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाना हमारा उद्देश्य है। केंद्रीय मंत्री ने फॉसिल फ्यूल के उपयोग को घटाकर रिन्यूएबल एनर्जी के उत्पादन और उसके भंडारण के लिए रिसर्च को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस दिशा में विशेष प्रयास कर रही है।

वित्त मंत्री के मुताबिक भारत सरकार ने इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन को अनुमोदन प्रदान किया है और इसके लिए 10 हजार 300 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान भी किया गया है। भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के हब के रूप में भी विकसित किए जाने की योजना है।

सीतारमण ने कहा कि भारत का सेमी-कंडक्टर मिशन-2021 में शुरू किया गया था। भारत में इस क्षेत्र में तीन इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। स्पेस सेक्टर को निजी क्षेत्र के लिए खोलना बड़ी पहल है। उन्होंने कहा कि नवाचार, शोध और विकास को प्रोत्साहित करने सरकार अपना दायित्व मानती है।

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