स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की ओर से शहर में चार्जिंग पाइंट बढ़ाने की कवायद

बिलासपुर। लगातार शहर में ई-रिक्शा बढ़ते ही जा रहे है। इसके साथ ही ई-बाइक की संख्या भी तेज गति से बढ़ रही है। एक तरह से जितने ई-वाहन बढ़ेंगे, उतना ही पर्यावरण संतुलित होगी। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर शहर में ई-रिक्शा चार्जिंग पाइंट बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट लिमिटेड के तहत पहले ही शहर के पहले स्मार्ट रोड में ई-रिक्शा चार्जिंग पाइंट की सुविधा दी गई है। वही अब शहर में ई-चार्जिंग पाइंट बढ़ाने के लिए जगह तलाशा जा रहा है। आने वाले कुछ महिनों में शहर के कई प्रमुख स्थानों में आपको ई-चार्जिंग पाइंट की सुविधा मिलने लगेगी।
स्मार्ट रोड (मिट्टी तेल लाइन रोड) में ई-चार्जिंग पाइंट का संचालन हो रहा है। यहां पर सिर्फ ई-रिक्शा को चार्ज करने की सुविधा मिलती है। इसकी वजह से हर समय यहां पर ई-रिक्शा की भीड़ लगी रहती है। ई-रिक्शा के बढ़ते चलन के बाद भी कई बार शहर में और भी चार्जिंग पाइंट बढ़ाने की मांग रखी जा चुकी है, ताकि आपातकालीन में कोई भी अपनी ई-रिक्शा को चार्ज कर सके। वही अब ई-रिक्शा के तरह ही ई-बाइक की संख्या भी दिनोंदिन बढ़ते जा रही है। साफ है कि आने वाले दिन ई-वाहनों का ही रहेगा।
वही ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोलेक्ट लिमिटेड की ओर से शहर में ई-चार्जिंग पाइंट बढ़ाना चाहती है, ताकि इसके माध्यम से ई-रिक्शा चार्ज हो सके और जरूरत पड़ने पर ई-बाइक और ई-कार भी इससे चार्ज किया जा सके। जानकारी के मुताबिक इन बातों को ध्यान में रखते हुए शहर में ई-चार्जिंग पाइंट की सुविधा देने के लिए उपयुक्त जगह की खोज की जा रही है। जल्द ही जगह का चुनाव होने के बाद चार्जिंग पाइंट की सुविधा दी जाएगी। जो ई-वाहन चालने वालों के लिए बड़ी सुविधा साबित होगी।
जानकारी के मुताबिक ई-चार्जिंग पाइंट ऐसे स्थान पर होगा, जहां लोगों का ज्यादा आना-जाना होता है। इसमें शहर के कुछ मुख्य चौक, सार्वजनिक स्थल प्रमुख है। जहां सुबह से ही भीड़ रहती है। सर्वे का कार्य अंतिम चरण पर चल रहा है, आने वाले कुछ महिनों में ऐसे चौक-चौराहों में पर चार्जिंग पाइंट नजर आने लगेगा।
इलेक्ट्रिक व्हीकल का सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि इससे प्रदूषण में कमी देखने को मिलेगी। दरअसल पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियां वातावरण में हानिकारक और जहरीले गैस का उत्सर्जन करती हैं। इससे वायु की गुणवत्ता खराब होती है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। ऐसे में शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने में ई-वाहन अहम भूमिका निभा रहे है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश की कच्चे तेल के आयात पर बढ़ता ही जा रहा है। एक बड़ी रकम पेट्रोलियम पर खर्च हो रहा है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन के उपयोग से तेल की निर्भरता को कम करने में मदद मिल रहा है।
ई-वाहन हाई पावर और अत्यधिक कुशल इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित होते हैं। यह तेज गति रफ्तार पकड़ने में भी सक्षम हो रही है। इससे इसका परफार्मेंस भी बढ़ता जा रहा है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल का इस्तेमाल करना ठीक वैसा ही है जैसे आप फोन का इस्तेमाल करते हैं। एक बार फुल चार्ज करने के बाद आप कहीं भी हों आपको समस्या नहीं आएगी। ठीक इसी तरह ई-वाहन भी एक बार फूल चार्ज होने पर लंबी दूरी तय करता है।
पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की लागत दो से ढाई गुना अधिक होती है। हालांकि, जब आप इसे खरीदकर घर लाते हैं, तो इसका रनिंग और मेंटेनेंस लागत पारंपरिक वाहनों की तुलना में करीब एक-चौथाई ही होता है।