अन्य

कोन्दा भैरा के गोठ – सुशील भोले

हमर गाँव म तो मातर के दिन ही संझौती बेरा मड़ई के आयोजन हो जाथे, फेर धमतरी क्षेत्र म गंगरेल बॉंध तीर के दाई अंगारमोती के आशीष पाए के बाद ही मड़ई के उत्सव चालू होथे जी भैरा.
-अइसे का जी कोंदा?
-हहो.. अंगारमोती म हर बछर देवारी माने के बाद जेन पहला शुक्रवार आथे, उहीच दिन मड़ई भराथे. ए दिन इहाँ हजारों लोगन अंगारमोती दाई के आशीष पाए बर जुरियाथें. जे माईलोगिन मन संताए पाए के आस म आए रहिथें वो मन इहाँ हाथ म नरियर धरे मुड़ उघरा कर के ओरीओर सूत जाथें, तब उहाँ के पुजारी ह अंगारमोती दाई के संग अउ आने देवी देवता मन के डांग- डंगनी मनला धर के उंकर मन ऊपर ले उखरा पॉंव रेंगत नहाकथे. मान्यता हे, के एकरे ले वो जम्मो माईलोगिन मन के मनोकामना पूरा होथे. ए बेरा म आसपास के 52 गॉंव के देवी देवता मनला ल नेवता दे के अंगारमोती दाई के दरबार म बलवाए जाथे.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button