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सिंधु जल संधि स्थगित: भारत ने दिखाया सख्त रुख

नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार शाम कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की अहम बैठक हुई. विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में लिए गए इन 5 बड़े फैसलों की जानकारी दी है.
पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने इस जघन्य हमले की निंदा की और पाकिस्तान को लेकर पांच सूत्री कदमों का निर्णय लिया. सीसीएस ने स्पष्ट किया कि हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा. इसके साथ ही सभी बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया गया है.सीसीएस की बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संवादाताओं को फैसलों से अवगत कराया. उन्होंने कहा, “सीसीएस ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.”

मोदी सरकार के पाकिस्तान के खिलाफ 5 बड़े फैसले
पहला फैसला, भारत और पाकिस्तान के बीच स्थित ऑटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को बंद किया जाएगा. यह एक बड़ा कदम है जिससे दोनों देशों के बीच सीमित आवाजाही भी रुक जाएगी.

भारत का दूसरा सबसे बड़ा फैसला यह है कि, पाकिस्तान में मौजूद भारत का दूतावास अब बंद किया जाएगा.

भारत ने तीसरा कड़ा कदम उठाते हुए इंडस वॉटर ट्रीटी (सिंधू जल संधि) को भी रोक दिया है. आने वाले वक्त में इसका असर पाकिस्तान को काफी बड़े स्तर पर होगा.

चौथा फैसला, भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी राजनायिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है.

5वां अहम फैसला है कि अब पाकिस्तानी नागरिकों को भारत का वीजा नहीं मिलेगा.

विदेश सचिव ने कहा, “भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना, वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा. दोनों उच्चायोगों से सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस लिया जाएगा.” उन्होंने बताया कि एक मई, 2025 तक और कटौती के माध्यम से उच्चायोगों में तैनात लोगों की कुल संख्या वर्तमान में 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी.SAARC वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत आने की अनुमति नहीं होगी. पहले से जारी वीजा रद्द किए गए हैं और उन्हें 48 घंटे में भारत छोड़ना होगा. नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित किया गया है. इन्हें एक सप्ताह में देश छोड़ना होगा.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को स्थिति का जायजा लेने और सरकार की रणनीति पर विचार-विमर्श करने के लिए सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की.बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल एवं वरिष्ठ नौकरशाह मौजूद थे. शाह ने प्रधानमंत्री को हमले के बारे में जानकारी दी तथा इस घटना के बाद उठाए गए कदमों पर चर्चा की.
यह बैठक प्रधानमंत्री के सात, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर शाम करीब छह बजे शुरू हुई और लगभग 8.30 बजे समाप्त हुई. इससे पहले, शाह ने पहलगाम के बैसरन का दौरा किया, जहां आतंकवादियों ने हमला किया था। साथ ही उन्होंने उस अस्पताल का भी दौरा किया जहां कुछ घायलों को भर्ती कराया गया है.मिस्री के अनुसार, दुनिया भर की कई सरकारों ने अपना समर्थन और एकजुटता दिखाई है और उन्होंने स्पष्ट रूप से इस आतंकवादी हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा, “सीसीएस ने ऐसी भावनाओं की सराहना की, जो आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता को दर्शाती है।”
विदेश सचिव ने बताया कि सीसीएस को दी गई ब्रीफिंग में आतंकवादी हमले के सीमा पार संबंधों को सामने लाया गया। उन्होंने कहा कि इस बात को रेखांकित किया गया कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में चुनावों के सफल आयोजन और आर्थिक वृद्धि तथा विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ.विदेश सचिव ने कहा, सीसीएस ने समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि इसने संकल्प लिया कि हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा. उन्होंने कहा, “तहव्वुर राणा के हालिया प्रत्यर्पण की तरह, भारत उन लोगों का पीछा करने में कठोर रहेगा जिन्होंने आतंकवादी कृत्य किए हैं, या इसकी साजिश रची है.”वहीं, सूत्र के मुताबिक, आतंकी हमले से जुड़े हालात पर कल (24 अप्रैल) सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी. गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सभी दलों से बात कर रहे हैं.

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