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सर्दी-ख़ासी की कॉकटेल दवा हुई बैन लेकिन बच्चों के डॉ अभी भी लिख रहे ।

सामान्य सर्दी-ख़ासी में दी जाने वाली कॉम्बिनेशन दवा क्लोरफेनीरामिन मेलीएट आईपी 2 मिलीग्राम और फेनिलफेरीन हाइड्रोक्लोराइड आईपी 5 मिलीग्राम दवा को जाँच के बाद सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड एंड कंट्रोल ऑर्गेनाइज़ेशन (CDSCO) ने चार साल से छोटे बच्चों को देने से मना किया है । भारत में बनी कुछ कंपनियों की सर्दी-ख़ासी की दवा से विदेश में हुई बच्चों की मौत के बाद CDSCO ने जाने माने फार्मासिस्ट प्रोफेसर कोकाटे की अध्यक्षता में कमिटी बनाई थी । कोकाटे कमिटी ने व्यापक जाँच के बाद इस कॉम्बिनेशन की दवा को चार साल से छोटे बच्चों पर दवा के दुष्प्रभाव के कारण उपयोग करने पर रोक लगाने की अनुसंशा की है । ड्रग कंट्रोलर जनरल ने सभी राज्यों एवम केन्द्रशासित प्रदेश के खाद्य एवम औषधि प्रशासन विभाग दिनांक 18 दिसंबर 2023 को चिट्ठी लिखकर तत्काल क्लोरफेनीरामिन मेलीएट आईपी 2 मिलीग्राम और फेनिलफेरीन हाइड्रोक्लोराइड आईपी 5 मिलीग्राम दवा के पैकेटों पर चेतावनी जारी करने एवम दवा निर्मताओं को इन्फ़ॉर्मेशन पर्ची में उल्लेख करने का निर्देश दिया है ।

राजधानी के दवा दुकानों में धड़ल्ले से छोटे बच्चों को बेची जा रही है बैन दवा साथ ही पीडियाट्रिक डॉ भी प्रिस्क्रिप्शन में लिख रहे ।

प्रश्न :
अभी तक राज्य का औषधि प्रशासन विभाग चिकित्सकों और दवा विक्रेताओं के लिए सर्कुलर जारी क्यों नहीं किया ?

क्या फिर से नसबंदी कांड जैसा बड़े हादसे का है इंतज़ार ?

CDSCO के निर्देश को राज्य का एफडीए गंभीरता से क्यों नहीं लेता ?

चिकित्सक बे रोकटोक दवा का इस्तेमाल चार साल से छोटे बच्चों में कर रहे हैं आख़िर इनको कौन रोकेगा ?

विशेषज्ञ राय :
कोरोना काल में भी चिकित्सक रेमडीसीवीर दवा बेधड़क लिख रहे थे जबकि इसे केवल विशेष परिस्थिति में गंभीर कोविड मरीज़ों को ही देना था नतीजतन रेमिडिसीविर दवा की क़िल्लत हो गई । बारह सौ की दवा बीस हज़ार से लेकर पचास हज़ार में ब्लैक में बेची गई । बाद में ग़ैर ज़रूरी होने पर भी एंटीवायरल ड्रग देने के गंभीर दुष्परिणाम दिखे । अभी भी सीडीएससीओ के निर्देश को चिकित्सक गंभीरता से नहीं ले रहे हैं ।

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