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समाधान महाविद्यालय में जिला न्यायाधीश द्वारा विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन कर छात्र-छात्राओं को दी गई कानून की जानकारी

बेमेतरा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष जिला न्यायाधीश श्री बृजेन्द्र कुमार शास्त्री, श्रीमती जसविंदर कौर अजमानी मलिक व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा एवं प्रधान आरक्षक सायबर सेल बेमेतरा श्री लोकेश सिंह द्वारा समाधान महाविद्यालय बेमेतरा में छात्र-छात्राओं को सायबर अपराध, मोटरयान अधिनियम, पॉक्सो एक्ट एवं तनाव प्रबंधन के बारे में विधिक जागरूकता शिविर कर कानून की जानकारी दी गई।

श्री बृजेन्द्र कुमार शास्त्री जिला न्यायाधीश द्वारा छात्र-छात्राओं को मोटरयान अधिनियम के तहत विभिन्न प्रावधानों के बारे में बताया की किस प्रकार यदि कोई दुर्घटना का शिकार हो जाये तो उसके संबंध में क्लेम ट्रिब्यूनल के समक्ष क्षतिपूर्ति हेतु आवेदन पेश करने की प्रकिया क्या होती है। जिला न्यायाधीश ने बताया कि यातायात नियमों का पालन सभी को करना चाहिए, अपने वाहन का बीमा कराना चाहिए। साथ ही साथ उन्होंने छात्र-छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। सचिव श्रीमती जसविंदर कौर अजमानी मलिक ने सोशल मीडिया फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, व्हाट्सएप, स्नैपचैट आदि में किसी भी अनजान व्यक्ति से जान पहचान करने या अपनी निजी जानकारी शेयर करने से सचेत रहने के लिए बताया।
सचिव ने बताया कि किस प्रकार सोशल मीडिया के माध्यम से लोग फ्रॉड का शिकार होते है, किस प्रकार लोगों को उनकी निजी जानकारी या निजी फोटो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से अश्लिल बनाकर सेक्सॉशन किया जाता है। सचिव ने ऐसे अपराधों में कानूनी सहायता लेने के लिए छात्र-छात्राओं को जागरूक किया। सायबर सेल प्रधान आरक्षक लोकेश सिंह के द्वारा छात्र-छात्राओं को फेसबुक, व्हॉटसएप्प, इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब एवं गूगल सर्च इंजन के माध्यम से होने वाले विभिन्न प्रकार की साइबर अपराध के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई। प्रधान आरक्षक लोकेश सिंह ने बच्चों को बताया कि किसी भी अनजान व्यक्ति के व्हाटसएप्प कॉल, वीडियो कॉल को अटेंड नहीं करना है। किसी भी प्रकार के ऑनलाइन लिंक पर क्लीक नहीं करना है। प्रधान आरक्षक ने यह भी बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से होने वाले अपराधों से बचने के लिए हमेशा यह सुनिश्चित कर ले कि जो व्यक्ति फोन पर स्वयं को आपका पहचान वाला या कोई करीबी रिश्तेदार होना बता रहा है, वह वास्तव में वही व्यक्ति है या नहीं क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से अपराध करने वाले व्यक्ति हुबहु वैसे ही आवाज की नकल कर बात करते हैं। प्रधान आरक्षक ने छात्राओं को विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के किसी भी अपराध की भनक लगते ही तत्काल अपने परिजन, शिक्षक अथवा करीबी व्यक्ति को बताने से नहीं डरने के लिए आग्रह किया। विधिक जागरूकता शिविर में समाधान महाविद्यालय के गणमान्य शिक्षकगण, सायबर सेल के आरक्षक श्री पंचराम घोरबंधे, पैरालीगल वॉलिंटियर्स सुश्री सोनिया सिंह, कु. स्वाति कुंजाम, श्री चेतन सिंह, श्री चंद्र किशोर राजपूत एवं श्री पंकज घृतलहरे, श्री दुवेन्द्र वर्मा, श्री देवेन्द्र यादव उपस्थित रहे।

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