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शुवेंदु ने मुस्लिमों विधायकों को लेकर दिया विवादित बयान, मचा बवाल

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर अभी से राजनीतिक दलों में बयानबाजी शुरु हो गई है। बंगाल में विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक शुवेंदु अधिकारी की विवादित टिप्पणी से बवाल मच गया है उन्होंने कहा कि बीजेपी सत्ता में आने के बाद ‘मुस्लिम विधायकों को विधानसभा से बाहर फेंक देगी।’ उनके इस बयान को तृणमूल कांग्रेस ने ‘नफरत फैलाने वाला’ बताते हुए उनकी ‘ओछी मानसिक स्थिति’ पर सवाल उठाए हैं।
शुवेंदु अधिकारी के इस बयान के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। खासतौर पर जब सोमवार को बीजेपी की हल्दिया से विधायक तपसी मोंडल टीएमसी में शामिल हो गई थीं। इसके अगले ही दिन शुवेंदु ने ममता सरकार को ‘सांप्रदायिक प्रशासन’ बातया और कहा कि यह ‘मुस्लिम लीग का दूसरा संस्करण’ बन चुका है। एक रिपोर्ट के मुताबिक शुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि ‘इस बार बंगाल की जनता टीएमसी को उखाड़ फेंकेगी। उन्होंने कहा कि 2026 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर जीतने वाले किसी भी मुस्लिम विधायक को सड़क पर फेंक दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने शुवेंदु के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि ‘एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के लिए इस तरह की भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करना ओझी मानसिकता दर्शाता है। संसद और विधानसभाओं में बहस और तर्क-वितर्क हो सकते हैं, लेकिन धर्म को आधार बनाकर विधायकों को निशाना बनाना संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है। यह खतरनाक, उत्तेजक और आपराधिक कृत्य है।
उधर बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व ने शुवेंदु के बयान पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। यह पहली बार नहीं है जब अधिकारी की बयानबाजी से उनकी ही पार्टी में असहजता पैदा हो गई है। इससे पहले, 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अपेक्षित प्रदर्शन न कर पाने के बाद शुवेंदु ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे पर सवाल उठाते हुए कहा था, ‘हम सिर्फ उन्हीं के साथ हैं जो हमारे साथ हैं। हमें किसी माइनॉरिटी की जरूरत नहीं है। उनके इस बयान से पार्टी में ही असहमति देखने को मिली थी और कई बीजेपी नेताओं ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया था।

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