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दूसरे राज्यों की डिमांड ने बिगाड़ा छत्तीसगढ़ में कई सब्जियों का जायका, कीमत सौ रुपए के पार

रायपुर . सर्दियों के मौसम में जब सब्जियों की कीमत बहुत कम रहती है, इस बार अपने राज्य छत्तीसगढ़ में एक अलग ही इतिहास रच गया है। पहली बार देश के आधा दर्जन से ज्यादा राज्यों के कारोबारी यहां पर खरीदारी करने आ गए हैं। ऐसे में जहां भाजियाें की कीमत पांच गुना हो गई है, वहीं कई सब्जियों की कीमत सौ रुपए के पार हो गई है। आमतौर पर इन सब्जियों की कीमत इस सीजन में 20 से 40 रुपए के बीच ही रहती है, लेकिन पहली बार कीमत आसमान पर चली गई है। इधर कुछ सब्जियां सस्ती भी हैं। खासकर टमाटर की कीमत इतनी ज्यादा कम है कि किसान खेतों में टमाटर ही नहीं तोड़ रहे हैं। क्योंकि टमाटर की तुड़ाई और मालभाड़ा मिलाकर बाजार में जाने पर इसका खर्च ही नहीं निकल रहा है।
छत्तीसगढ़ में ठंड का सीजन भाजियों और हरी सब्जियों का रहता है। यहां पर भरपूर मात्रा में इसकी पैदावार होती है। पैदावार इतनी ज्यादा रहती है कि इसकी कीमत भी नहीं के बराबर रहती है। जब दिसंबर का माह प्रारंभ हुआ तो यहां पर भाजियों की आमद के साथ पहले कीमत ज्यादा रही, लेकिन इसके बाद कीमत जमीन पर आई और कीमत ने ग्राहकों को राहत भी दी, लेकिन यह राहत ज्यादा दिनों तक नहीं रही और कीमत लगातार बढ़ने लगी और अब तो कीमत में आग लग गई है।

भाजियों के साथ कई सब्जियों की कीमत में आग लगने की जब पड़ताल की गई तो यह बात सामने आई की एक तो अपने राज्य में भी खराब मौसम के कारण फसल प्रभावित हुई है। इसी के साथ देश भर के कई राज्यों में यहां से ज्यादा फसल खराब हुई है। ऐसे में पहली बार देश के कई राज्यों के कारोबारी यहां पर खरीदारी करने आ गए हैं। पहली बार असम जैसे दूर के राज्य के कारोबारी भी यहां से भाजियों के साथ दूसरे सब्जियां खरीदकर अपने राज्य भेज रहे हैं। अन्य राज्यों में बंगाल, उप्र, झारखंड, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा के कारोबारी यहां से खरीदारी कर रहे हैं।
20 की भाजी 80 से 100 रुपए
ठंड के सीजन में भाजियों की कीमत आमतौर पर चिल्हर में दस से बीस रुपए किलो रहती है। दिसंबर के पहले सप्ताह में चिल्हर में लाल भाजी दस रुपए और पालक भाजी 20 रुपए, मैथी भी 20 रुपए किलो बिकी है। लेकिन इस समय इनकी कीमत 80 से 100 रुपए चल रही है। इसी के साथ भाजियों की क्वालिटी भी ज्यादा अच्छी नहीं है। चना भाजी 120 रुपए, तिवरा भाजी 80 रुपए, प्याज भाजी भी 60 से 80 रुपए किलो है। मूली कुछ समय पहले तक 10 से 20 रुपए किलो मिल रही थी लेकिन अब इसकी कीमत भी 30 से 40 रुपए किलो हो गई है। दूसरी भाजियों की कीमत भी 60 रुपए किलो है। तिवरा

कई सब्जियों के दाम सौ के पार हो गए हैं। ऐसी सब्जियों में कुंदरू जैसी सब्जी इस समय सौ रुपए किलो है। भिंडी 120 रुपए, गंवार फल्ली 100 रुपए, सेमी 80 से 100 रुपए, ढेस 100 से 120 रुपए, फूल गोभी 80 से 100 रुपए किलो है। बैंगन पखवाड़े भर पहले 10 से 20 रुपए किलो चिल्हर में बिक रहा था, लेकिन अब 60 रुपए किलो हो गया है। परवल और करेला भी 80 रुपए किलो है।

इस समय सबसे सस्ती सब्जी की बात करे तो वह पत्ता गोभी है। यह चिल्हर में 15 से 20 रुपए किलो है। इसी तरह से लौकी भी 10 से 15 रुपए किलो में बिक रही है। कद्दू को सबसे सज्जन सब्जी के रूप में जाना जाता है। इसकी कीमत आमतौर पर 20 रुपए रहती है। इसकी कीमत इस समय 30 रुपए किलो है। मटर 30 से 40 रुपए किलो, गाजर 40 रुपए किलो है।

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