छत्तीसगढ़ में टारगेट किलिंग पर सियासत: कांग्रेस ने भाजपा की संलिप्तता की जताई आशंका

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वहीं कांग्रेस ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर मामले में भाजपा की ही संलिप्तता होने की आशंका जाहिर कर जांच कराने की मांग की है। इधर, बिरजूराम की अंतिम यात्रा में शनिवार को भाजपा नेता व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया, पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह शामिल हुए और स्वजन को ढाढ़स बंधाया।
बता दें कि मोहला-मानपुर-अंबागढ़ के औंधी क्षेत्र के नक्सल प्रभावित ग्राम सरखेड़ा में शुक्रवार को देर शाम गोली मारकर भाजपा नेता बिरजूराम तारम की हत्या कर दी गई थी। हथियारों से लैस कुछ लोगों ने घर में घुसकर घटना को अंजाम दिया था।
ये टारगेट किलिंग का मामला है : रमन
पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने घटना के लिए कांग्रेस सरकार को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि अब छत्तीसगढ़ की जनता को यह निर्णय करना है कि उन्हें कानून व्यवस्था चाहिए या ऐसे आतंक का वातावरण? उन्होंने आरोप लगाया कि हिंदुस्तान जिंदाबाद बोलने पर भिलाई में जान से मार दिया। मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने पर मोहला मानपुर में जान ले ली। एक वर्ग विशेष का अत्याचार नहीं सहा तो बिरनपुर में बलिदान हो गए। भाजपा के ध्वज तले जनता की आवाज उठाई तो बस्तर में हत्या कर दी। लेकिन यह सरकार कहती है कि भरोसा करो। आखिर किस बात का भरोसा? यह टारगेट किलिंग का मामला है। इसके पीछे राजनीतिक षड्यंत्र है।
बलिदान नहीं जाएगा व्यर्थ : मांडविया
बिरजूराम के अंतिम संस्कार में पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता का यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे। कार्यकर्ताओं की इस प्रकार से हत्या बेहद दुखद है। जनता हिंसा को कभी पसंद नहीं करती। रायपुर में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि लोकतंत्र के महापर्व की शुरुआत में भाजपा नेता की हत्या प्रदेश सरकार की कानून-व्यवस्था की विफलता का जीता-जागता प्रमाण है। वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने लगाया कि अब टार्गेट किलिंग, सुपारी किलिंग हो रही है। बीते कुछ महीनों में बस्तर क्षेत्र में छह भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है।
बिरजूराम की हत्या में भाजपा तो संलिप्त नहीं?: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा जिस प्रकार से टारगेट किलिंग की बात कर रही, उससे आशंका पैदा हो रही है बिरजूराम की हत्या की जांच होनी चाहिए। इसमें भाजपा की संलिप्तता की भी जांच होनी चाहिए। शुक्ला ने पत्रकारवार्ता लेकर कहा कि जब केंद्र सरकार ने बस्तर में भाजपा के 24 नेताओं को खोज-खोज कर सुरक्षा प्रदान की तो बिरजूराम को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई? टारगेट किलिंग तो इस प्रदेश में 2013 में हुई थी जब कांग्रेस के 31 नेताओं को पूछ-पूछकर झीरम में हत्या कर दी गई थी। झीरम में तो रमन सिंह ने हमारे नेताओं की सुरक्षा ही हटा दी थी। जनता अच्छी तरह से समझती है कि टारगेट किलिंग में हमने अपनी पूरी पीढ़ी को खो दिया है।