देश विदेशफ़िल्मी जगत

क्या होता है सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, इन आयुर्वेदिक उपायों से पाएं इस बीमारी से निजात

ऑफिस में घंटों वक्त बिताने से काम तो समय पर पूरा हो जाता है लेकिन सेहत पर इसका बुरा असर पड़ता है। इसके बारे में कम ही लोग जानते है। दरअसल ऑफिस में घंटों झुककर काम करने से और गलत जीवनशैली सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या तेजी से बढ़ रही है जो युवाओं की सेहत के लिए खतरा होता है।

यह बीमारी गर्दन और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी हुई है, जो केवल दर्द ही नहीं देती, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी बुरी तरह प्रभावित करती है। इस बीमारी के इलाज के लिए आप दवाईयों का सेवन तो करते है लेकिन आप आयुर्वेद में मौजूद कुछ उपायों से भी इस समस्या से राहत पा सकते है।
कैसे होती है यह बीमारी

यह रीढ़ की हड्डी से जुड़ी बीमारी होती है यहां पर रीढ़ की हड्डी का हिस्सा ‘सर्वाइकल स्पाइन’ कहलाता है। इसमें 7 कशेरुकाएं होती हैं, जो सिर को सहारा देती हैं और दिमाग से पूरे शरीर तक संदेश पहुंचाती हैं। जब आप एक ही पोजिशन में समय बिताते है तो, इन कशेरुकाओं या डिस्क में घिसाव, सूजन या दबाव की स्थिति बनती है जो सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की स्थिति बनती है। बताया जाता है कि, इस बीमारी के बढ़ने का कारण गलत पोजिशन में लंबे समय तक बैठना। अगर आप अपने लाइफस्टाइल में मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल करने के दौरान एक ही पोजिशन को अपनाते है यह नुकसान पहुंचाने का काम करती है।

कई लोग नहीं जानते होंगे कि, एक्सीडेंट या गिरने से चोट लगना, 40 वर्ष के बाद हड्डियों और डिस्क का कमजोर होना, तनाव, तथा कैल्शियम, विटामिन-डी और मैग्नीशियम की कमी भी सर्वाइकल का कारण बन सकते हैं। इस बीमारी के लक्षण की बात की जाए तो, गर्दन, कंधे और पीठ में लगातार दर्द, हाथ और बाजू में झनझनाहट या सुन्नपन, सिरदर्द और चक्कर आना, गर्दन को घुमाने में कठिनाई, थकान और कमजोरी तथा कभी-कभी दृष्टि धुंधली होना और नींद न आना जैसे लक्षण नजर आते है।
जान लीजिए इन आयुर्वेदिक उपायों के बारे में

इस बीमारी के समाधान के लिए कई दवाईयां तो काम करती है लेकिन आप आयुर्वेदिक उपायों के बारे में आप जानते नहीं होंगे।

आयुर्वेद में सर्वाइकल को ‘ग्रीवा स्तंभ’ कहा गया है और इसे वात दोष की वृद्धि से जोड़ा गया है। वात दोष बढ़ने पर स्नायु और कशेरुकाएं कमजोर होकर दर्द, जकड़न और सूजन उत्पन्न करती हैं। यह वात दोष को संतुलित करना ही इस रोग का स्थायी समाधान है।

सर्वाइकल की समस्या को खत्म करने के लिए निम्न घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खे आप अपना सकते हैं :-

अजवाइन को तवे पर गर्म करके कपड़े में बांधें और फिर गर्दन पर सेंक लगाएं। इससे दर्द और जकड़न कम होती है।
सरसों के तेल में लहसुन भूनकर गर्दन पर मालिश करें। यह रक्त संचार को तेज करता है और सूजन घटाता है।
गिलोय, हल्दी और अदरक का काढ़ा पीने से शरीर में सूजन और दर्द कम होता है।
मेथी दाना रातभर भिगोकर सुबह चबाएं या दूध में मिलाकर पी लें। इससे हड्डियों और स्नायु को मजबूती मिलती है।
भुजंगासन, ताड़ासन, मकरासन और गर्दन घुमाने वाले सरल योगासन सर्वाइकल में राहत देते हैं।
गुनगुने पानी से नहाना या गर्म पट्टी लगाना मांसपेशियों का तनाव कम करता है।
रोजाना 15 से 20 मिनट धूप लेने से विटामिन-डी की कमी पूरी होती है।
इसके अलावा आहार में दूध, हरी सब्जियां, तिल, बादाम और दालें शामिल करें।

उपचार के साथ ही जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। लंबे समय तक मोबाइल या लैपटॉप का उपयोग करने से बचें। यदि काम के कारण बैठना जरूरी हो, तो हर 30 मिनट में गर्दन घुमाएं। सोते समय न तो बहुत ऊंचा और न ही बहुत नीचा तकिया लें। तनाव से दूर रहना भी जरूरी है, क्योंकि यह समस्या को और गंभीर बना सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button