केजरीवाल को देना होगा इस्तीफा या लगेगा राष्ट्रपति शासन, दिल्ली में क्या होगा; 4 रास्ते

कथित शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से ही राजधानी की सरकार को लेकर सस्पेंस और सवाल बढ़ गए हैं। केजरीवाल ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्हें पद पर रहते हुए गिरफ्तार किया गया है या फिर यूं कहें कि वह ऐसे पहले सीएम हैं जिन्होंने अपनी गिरफ्तारी से पहले पद से इस्तीफा नहीं दिया। केजरीवाल का कहना है कि वह जेल से ही सरकार चलाएंगे। इस बीच दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने उनके प्लान को खारिज करते हुए साफ कर दिया है कि दिल्ली की सरकार जेल से नहीं चलेगी। एलजी की ‘ना’ के बाद अब इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि दिल्ली में अब क्या होगा? क्या केजरीवाल को इस्तीफा देना होगा? क्या उनके पद ना छोड़ने पर राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है? या फिर इस खींचतान का परिणाम दिल्ली को भुगतना होगा? आइए देखते हैं आने वाले दिनों में क्या-क्या मुमकिन है।
क्या केजरीवाल देंगे पद से इस्तीफा?
आम आदमी पार्टी, दिल्ली सरकार और खुद केजरीवाल ने बार-बार कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद ही रहेंगे। आम आदमी पार्टी का कहना है कि केजरीवाल जेल में रहकर ही अपनी सरकार चलाते रहेंगे। संवैधानिक जानकारों का कहना है कि गिरफ्तारी की वजह से एक मुख्यमंत्री या मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। हां, 2 या 2 से अधिक साल की सजा मिलने पर सदन की सदस्यता छिन जाने का प्रावधान है। पूर्व विधानसभा सचिव एसके शर्मा ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा है कि कानून में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है कि गिरफ्तारी पर किसी मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना होगा या नया मुख्यमंत्री बनाया जाए।
हालांकि, जेल से सरकार कैसे चल पाएगी, इसको लेकर सभी जानकार एकमत में सवाल उठा रहे हैं। एक मुख्यमंत्री को हर दिन कई बैठकें करनी होती हैं, फाइलों का निपटारा करना होता है, अफसरों को निर्देश देने होते हैं, यह सब काम जेल में रहकर केजरीवाल कैसे कर पाएंगे यह सबसे बड़ा सवाल है। यही वजह है कि कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि शासन-प्रशासन में दिक्कत आने पर केजरीवाल को पद छोड़ने का फैसला करना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्योंकि केजरीवाल को पीएमएलए केस में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें आसानी से जमानत नहीं मिलती। इसी केस में गिरफ्तार किए गए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद महीनों से जेल में बंद हैं। निचली से सबसे ऊपरी अदालत तक से उनकी जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। सिसोदिया और एक अन्य पीएमएलए केस में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन महीनों तक जेल में भी मंत्री रहे, लेकिन बाद में उनसे इस्तीफा ले लिया गया। ऐसे में माना जा रहा है कि यदि केजरीवाल को जल्दी जमानत नहीं मिली तो शासन-प्रशासन में दिक्कतों की वजह से उन्हें पद छोड़ने का फैसला भी लेना पड़ सकता है और दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल सकता है।