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किसानों से पांचवें दौर की वार्ता में सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार

नई दिल्ली: किसान एक बार फिर दिल्ली के लिए कूच कर रहे हैं. किसानों के दिल्ली मार्च को लेकर राजधानी से लगने वाले तमाम बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है. इन सब के बीच अब केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा का एक बड़ा बयान आया है. उन्होंने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार किसानों से पांचवें दौर की वार्ता के लिए पूरी तरह से तैयार है. इस बातचीत के दौरान सरकार तमाम तरह के मुद्दों पर चर्चा के लिए भी तैयार है. अर्जुन मुंडा ने दिल्ली की तरफ मार्च कर रहे किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है. अर्जुन मुंडा ने किसानों से बातचीत के प्रस्ताव को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट भी किया. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि सरकार पांचवें दौर में सभी मुद्दे जैसे की MSP की मांग, crop diversification, पराली का विषय, FIR पर बातचीत के लिए तैयार है. मैं दोबारा किसान नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूँ. हमें शांति बनाये रखना जरूरी है.

बता दें कि शंभू बॉर्डर पर डंटे आंदोलनकारी किसान प्रशासन द्वारा बनाई गई सीमेंट की दीवारें तोड़ने की कोशिश के लिए पोकलेन मशीनें लेकर पहुंच गए हैं. हालांकि हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को पत्र लिखकर इन मशीनों को जब्त करने की बात कही है. किसानों के विरोध मार्च को देखते हुए कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने एक बार फिर किसानों से शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत आगे बढ़ाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सभी लोग समाधान ही चाहते हैं, इसीलिए सरकार ने बातचीत जारी रखने की कोशिश की है.

किसान नेताओं ने सोमवार शाम को मक्का, कपास और तीन तरह की दालों – अरहर, उड़द और मसूर, को पुराने एमएसपी पर खरीदने के सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. किसानों ने कहा था कि इसका कोई मतलब नहीं है, क्योंकि यह सिर्फ कुछ ही फसलों पर लागू होता है और अन्य 18 फसलों को उगाने वालों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
बुलेटप्रूफ पोकलेन मशीन के साथ आए किसान

गौरतलब है कि किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स भी अलर्ट पर है. शंभू बॉर्डर पर सीमेंट के गार्डर, कंटीली तारें बिछाकर 7 लेयर बैरिकेडिंग की गई है. इसी से पुलिस ने 8 दिन से यहीं पर रोके रखा है. लेकिन हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ने के लिए किसान JCB और हाईड्रोलिक क्रेन जैसी हैवी मशीनरी लेकर पहुंच गए हैं. इसके अलावा बुलेटप्रूफ पोकलेन मशीन भी लाई गई हैं. इनको इस तरह से डिजाइन कराया गया है कि इन पर आंसू गैस के गोलों का भी असर न हो.

किसानों ने दिल्ली कूच का फैसला केंद्र से हुई मीटिंग के बाद लिया था. केंद्र सरकार ने कपास, मक्का, मसूर, अरहर और उड़द यानी 5 फसलों पर MSP देने का प्रस्ताव दिया था. किसानों ने यह प्रस्ताव खारिज कर दिया. किसान सभी फसलों पर MSP गारंटी देने की मांग कर रहे हैं.

किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए राजधानी से लगने वाले सभी बोर्डरों को सील कर दिया गया है. जवानों की तैनाती कर किसानों को दिल्ली में रोकने की कोशिश की जा रही है. सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध के बीच सबसे ज्यादा परेशानी आज फिर आम जनता को उठानी पड़ सकती है. दिल्ली मार्च की वजह से भारी ट्रैफिक जाम हो गया है. आम जनता को काफी दिक्कतें हो रही हैं.

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