महिला आरक्षण बिल कैबिनेट में कल हुआ मंजूर, आज नए संसद भवन में हो सकता है पेश…

नई दिल्ली।आज संसद के विशेष सत्र का दूसरा दिन है। सदन के मेंबर्स आज से नई बिल्डिंग में बैठेंगे। महिला आरक्षण बिल नए संसद भवन में पेश होने वाला पहला ऐतिहासिक बिल हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- सोमवार देर शाम पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट मीटिंग में इससे जुड़े बिल को मंजूरी दे दी गई। आज मंगलवार को लोकसभा में इस बिल को पेश किया जा सकता है। इससे संसद में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिल सकता है।
आइए जानते हैं कि क्या है ये महिला आरक्षण विधेयक?
-महिला आरक्षण विधेयक के अनुसार, संसद और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटों को आरक्षित हो जाएंगी.
-इस बिल के मुताबिक, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में से एक-तिहाई सीटें एससी-एसटी समुदाय से आने वाली महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी. इन आरक्षित सीटों को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अलग-अलग क्षेत्रों में रोटेशन प्रणाली से आवंटित किया जा सकता है.
–लैंगिक समानता और समावेशी सरकार की ओर उठाए जा रहे जरूरी कदमों के बावजूद महिला आरक्षण विधेयक लंबे समय से संसद में लंबित है. 2010 में ही इस बिल को राज्यसभा से पारित किया जा चुका था, लेकिन अब तक लोकसभा में पेश नहीं किया जा सका.
-महिला आरक्षण बिल के अनुसार, महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण 15 साल के लिए ही होगा.
-संसद सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में राजनीतिक दलों के कई नेताओं ने महिलाओं के लिए आरक्षण पर जोर दिया. एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने सोमवार (18 सितंबर) को बिल पर कांग्रेस का जोरदार बचाव करते हुए कहा कि पहली महिला प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कांग्रेस से थीं और यह कानून भी कांग्रेस की ओर से ही लाया गया था.
-सुप्रिया सुले ने कहा, ”हालांकि, संख्याबल की कमी के कारण विधेयक पारित नहीं हो सका.” एनसीपी नेता और बीजेपी सहयोगी प्रफुल्ल पटेल ने भी सरकार से इसी संसद सत्र में महिला आरक्षण बिल पास करने की अपील की थी.