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सड़क की बदहाल स्थिति और स्थानीय उद्योगों की लापरवाही के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश फूटा…
आर्थिक नाकेबंदी कर किया आन्दोलन का आगाज..

ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियाँ बनीं जीवन पर संकट..

रायगढ़ /लाखा। प्रधानमंत्री  ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित चिराईपानी से गेरवानी तक की यह कच्ची सड़क अब पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। सड़क पर जगह-जगह गहरे गड्ढे और कीचड़युक्त दलदल ने ग्रामीणों का आवागमन असंभव-सा बना दिया है। खासकर चिराईपानी के स्कूली बच्चे इस सड़क की वजह से समय पर स्कूल नहीं पहुंच पा रहे, जिससे उनकी शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि एक ओर सरकार ‘शाला प्रवेश उत्सव’ जैसे कार्यक्रमों के जरिए शिक्षा को बढ़ावा देने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर जर्जर सड़क बच्चों के भविष्य पर भारी पड़ रही है।

इस सड़क की बदहाली का मुख्य कारण स्थानीय उद्योगों द्वारा भारी वाहनों का बेतरतीब आवागमन है। सुनील इस्पात एंड पॉवर लिमिटेड, वजरान प्रा. लिमिटेड, महालक्ष्मी कास्टिंग, श्री ओम रुपेश, श्री रीयल वायर, श्यामज्योति प्रा. लिमिटेड, राधे गोविंद केमिकल्स, आदि शक्ति सोप इंडस्ट्रीज और सालासर स्टील एंड पॉवर लिमिटेड जैसे उद्योगों के ट्रक और ट्रेलर दिन-रात इस सड़क पर दौड़ते हैं। इन भारी वाहनों की वजह से सड़क की हालत और खराब हो गई है, और बार-बार लगने वाले जाम ने ग्रामीणों का जीवन और दूभर कर दिया है।
इसी के खिलाफ ग्रामीणों ने उद्योगों को सड़क मरम्मत के लिए अल्टीमेटम दिया था। दिए गए तीन दिन के अल्टीमेटम की अनदेखी के कारण आक्रोशित ग्रामीणों ने आर्थिक नाकेबंदी शुरू कर दी है, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है।
चक्काजाम होने की वजह से सड़क पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई है।

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