दुबले पर दो आषाढ़- महंगाई से त्रस्त जनता पर रायगढ़ नगर निगम का अत्याचार… भाग 1 (शिक्षा उपकर)
शिक्षा उपकर के रूप में वार्षिक भाड़ा मूल्य का 5 प्रतिशत तक चार्ज किया जा रहा है जबकि वर्तमान में किसी भी शिक्षण संस्थान का निगम द्वारा रखरखाव नही किया जा रहा है… संतोष चौधरी ने महापौर, आयुक्त से किया निवेदन…
अधिवक्ता संतोष चौधरी ने महापौर, आयुक्त से किया निवेदन…
शिक्षा उपकर की राशि को आमजनता से लिये जाने वाले संपत्तिकर के गणना से मुक्त किये जाने बाबत…
रायगढ़। नगर पालिक निगम रायगढ़ भी अन्य नगरीय निकायों की भांति संपत्ति कर, जल कर इत्यादि नागरिक उपभोक्ताओं से वसूल करने का अधिकार रखता है बदले में सड़कों, नालियों के रखरखाव, सफ़ाई सहित पेयजल आपूर्ति आदि की ज़िम्मेदारी नगर निगम की होती है। अपनी जिम्मेदारियों के परिपालन में नगर पालिक निगम रायगढ़ कितना खरा उतरता है इससे रायगढ़ की जनता भलीभांति वाकिफ है फिर भी शिक्षा उपकर राशि की गणना हेतु संपत्ति कर में वार्षिक भाडा मूल्य का 5 प्रतिशत लिया जाना किसी अत्याचार से कम नहीं है। वैसे भी इन दिनों संपत्ति कर के मूल्यांकन और वसूली को लेकर निगम की कार्यप्रणाली हिटलर शासन से कम नहीं आंकी जा सकती।
क्या है शिक्षा उपकर: अधिवक्ता संतोष चौधरी ने बताया कि शिक्षा उपकर का इतिहास छत्तीसगढ़ राज्य के पृथक होने के पूर्व मध्यप्रदेश शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक 605/740/18-3/2000 भोपाल, दिनांक 15 मार्च 2000 के अनुसार प्राप्त निर्देश से जुड़ा हुआ है। जिसमें नगरीय निकायों को हस्तांतरित शासकीय स्कूल/विद्यालयों के संचालन एवं उनके रख रखाव हेतु वित्तीय भार अतिरिक्त न हो, उसके संबंध में अतिरिक्त आय के स्त्रोत शासन द्वारा उत्पन्न किये गये थे। विगत कुछ वर्षों से वे शासकीय स्कूल/विद्यालय आदि जोकि नगरीय निकायों द्वारा संचालित हो रहे थे उन्हे शिक्षा विभाग को हस्तांतरित किया जा चुका है एवं शिक्षा विभाग के द्वारा ही हस्तांतरित विद्यालयों का रख रखाव एवं देखभाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अन्य नगरीय निकाय जैसे कोरबा बिलासपुर एवं रायपुर, अंबिकापुर इत्यादि नगर निगमों में शिक्षा उपकर की राशि ली ही नही जाती है। इस प्रकार रायगढ़ नगर पालिक निगम को भी शिक्षा उपकर की वसूली जनता से न किया जाकर उक्त हस्तांतरित दिनांक से ली गई शिक्षा उपकर की राशि को भी शिक्षा विभाग को हस्तांतरित किया जाना न्यायोचित होगा ताकि शिक्षा विभाग में राशि उपलब्ध होने पर शिक्षा के स्तर को और बढ़ाने के प्रयास में सहायता प्राप्त हो सके।
अपने निवेदन पत्र में अधिवक्ता संतोष चौधरी ने लिखा कि ऐसी स्थिति में इस सत्र से शिक्षा उपकर की राशि जो संपत्ति कर का 5 प्रतिशत लिया जाता आ रहा है। आम नागरिक / जनता के देयक भार से मुक्त कर विलोपित किये जाने हेतु आदेशित करने की कृपा करें। साथ ही जनहित में उपरोक्तानुसार कार्यवाही कराने की कृपा करें।