एक्सक्लुसिव न्यूज़क्राइम

रायगढ़ में भूमाफियाओं का आतंक: बिल्डरों ने पैतृक ज़मीन पर किया जबरन कब्जे का प्रयास, परिवार को दी जान से मारने की धमकी.. पीड़ित का कहना-नहीं होने दे रहे सीमांकन..

ग्राम अमलीभौना में निर्माणाधीन औरो हिल कॉलोनी का मामला..

कांग्रेस हो या भाजपा दोनों के ही शासनकाल में भू माफ़ियाओ के विरुद्ध शिकायतों का सिलसिला जारी…

कहीं सरकारी भूमि पर कब्जा तो अब निजी भूमि पर कब्जे की शिकायत..

पीड़ित पक्ष का है कहना #”सीमांकन की कई बार नोटीस कट चुका है पर सीमाकान नही होने दे रहा है, बिलडर 4 साल से लगा हुआ है, अभी के तहसील दार साहब बोल रहे है सिमाकन करवा दुगा, सहयोग कर रहे है पर बिलडर कहता है सिमाकन किसी भी हालत होने नही दुगा, तुझे जहाँ जाना है चला जा, जमीन को चुपचाप बेच दो उसी मे भलाई, एक बार मुझे गुनडे से मरवा चुका है एक झूठा fir करवा चुका है केस लड रहा हु””…


रायगढ़ (छ.ग.) | जिले के ग्राम अमलीभौना से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ एक स्थानीय परिवार को अपनी ही पैतृक भूमि पर अधिकार जताने के कारण जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं। शिकायतकर्ता राजेन्द्र तिवारी, निवासी सोनूमुड़ा, ने  दिनांक 22-5-25 को पुलिस अधीक्षक रायगढ़ को लिखित में शिकायत दी है कि रसूखदार बिल्डर राजेश अग्रवाल एवं मुकेश अग्रवाल, अपने गुर्गों के साथ मिलकर उनकी भूमि पर जबरन कब्जा करना चाह रहे हैं।

राजेन्द्र तिवारी के अनुसार, उक्त भूमि उनके पिता गणेश प्रसाद तिवारी के नाम पर खसरा नंबर 11/1, रकबा 1.15 एकड़ के रूप में दर्ज है, जिस पर उनका वर्षों से स्वामित्व और कब्जा है। लेकिन बीते कुछ वर्षों से बिल्डर लगातार इस जमीन को हड़पने के प्रयास में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि बिल्डरों द्वारा उनकी भूमि पर कई बार जबरन घुसपैठ की गई, दीवारें बनाई गईं और विरोध करने पर गालियाँ व धमकियाँ दी गईं।

15-16 मई 2025 की रात्रि को, जब राजेन्द्र तिवारी अपनी ज़मीन का निरीक्षण करने पहुँचे, तब उन्होंने देखा कि बिल्डर अपने ठेकेदार रिकेश गोरख के साथ मिलकर वहाँ ईंट की पक्की दीवार खड़ी कर रहे हैं। विरोध करने पर न केवल उन्हें अपशब्द कहे गए, बल्कि मारपीट की धमकी भी दी गई। अगले दिन उनके घर आकर फिर से धमकाया गया कि यदि जमीन नहीं बेची तो पूरे परिवार को झूठे मामलों में फँसा कर जेल भिजवा दिया जाएगा।

शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि बिल्डरों की राजनीतिक पकड़ इतनी मजबूत है कि पुलिस व राजस्व विभाग भी उनके दबाव में कार्य कर रहे हैं। पूर्व में की गई शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। तिवारी परिवार ने प्रशासन से अपनी भूमि की सुरक्षा, आरोपियों पर एफआईआर दर्ज करने और जान-माल की रक्षा हेतु पुलिस सहायता की मांग की है।

स्थानीय प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल

इस पूरे मामले में प्रशासनिक चुप्पी को लेकर य़ह सन्देह उत्पन्न हो रहा है कि क्या वास्तव में इस देश का संविधान रसूखदार व्यक्तियों की निजी मिल्कियत है?कई बार शिकायत के बाद भी कार्रवाई न होने से आम जनता के बीच यह संदेश जा रहा है कि रसूखदार लोगों को प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है, जबकि आम आदमी को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ता है।

अब देखना यह है कि पुलिस प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं क्योंकि एक और  पक्ष इन्हीं बिल्डरों से है पीड़ित और इनके  विरुद्ध पुलिस में किया है अपनी 30 डिसमिल जमीन कब्ज़ा करने की शिकायत।ऐसे में दोहरे आरोपों से घिरे बिल्डर को बचाना भी पुलिस के लिये चुनौतीपूर्ण होगा।

राजेन्द्र तिवारी (पीड़ित पक्ष)
एक और शिकायत जुटमिल थाने में 20/06/2025 की

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button