व्यंग्य
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कोन्दा भैरा के गोठ – व्यंग्यकार सुशील भोले..
–तोला वो बेरा के सुरता हे जी भैरा.. जब पेट्रो तेल के विकल्प के रूप म इहाँ रतनजोत नॉव के…
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कोन्दा भैरा के गोठ – सुशील भोले
–बधाई हो जी भैरा.. मूल निवासी समाज के मुड़ म इहाँ के मुखियई के पागा खाप डारेव तुमन ए बखत.-हव…
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कोन्दा भैरा के गोठ – व्यंग्यकार सुशील भोले
–बधाई हो जी भैरा तुंहर सरकार फेर लहुट आइस.-तहूं ल बधाई संगी कोंदा.. अब लागथे फेर इहाँ के भाखा साहित्य…
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कोन्दा भैरा के गोठ – व्यंग्यकार सुशील भोले..
–नेता मन के जीव ह कहूँ सरकारी संसाधन म गुलछर्रा उड़ियाए ले थोक-बहुत बॉंचे अस जनाथे, त फोटो खिंचवा के…
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कोन्दा भैरा के गोठ -सुशील भोले
–अब जिनगी के संझौती बेरा म धरम के कुछू ठोसहा बुता करे के मन होथे जी भैरा.-ए तो बने बात…
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कोन्दा भैरा के गोठ – सुशील भोले
-लोगन ल अगुवा बन के मुड़ म पागा खापे के गजब साध रहिथे जी भैरा.-ए तो मानव स्वभाव आय जी…
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