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SPO की मामूली 10 हजार की नौकरी छोड़ कैसे बना ठेकेदार,बनाई इतनी दौलत कि हेलिकॉप्टर से गया शादी रचाने..

डेढ़ दशक के मामूली अंतराल में हत्यारे सुरेश चंद्राकर के फर्श से अर्श तक पहुंचने का सफर..

जगदलपुर। पत्रकार मुकेश चंद्राकार की हत्या का आरोपी और उसका चचेरे भाई सुरेश चंद्राकर 2010 तक बीजापुर पुलिस विभाग में SPO था। बाद में यह नौकरी छोड़कर एक अधिकारी की मदद से ठेकेदारी शुरू कर दी और देखते-ही-देखते वह 500 करोड़ का मालिक बन गया। बस्तर संभाग के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकार हत्याकांड से पूरे प्रदेश में तहलका मच गया है। मुकेश का शव उसके चचेरे भाई ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के फार्म हाउस के सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया।

डेढ़ दशक पहले तक सुरेश मामूली व्यक्ति था। तब सड़वा जुलुम का जोर था। जीवन यापन के लिए उसने एसपीओ याने स्पेशल पुलिस अधिकारी की नौकरी ज्वाईन किया था। 2005 में जब नक्सलियों का तांडव चरम पर था, तब सरकार ने बस्तर के सघन इलाको की जानकारी रखने वाले युवाओं को एसपीओ बनाया था। उन्हें 10 हजार रुपए मानदेय दिया जाता था। इसमें खासतौर से उन्हें सलेक्ट किया जाता था, जिनका नक्सलियों से पुराना कनेक्शन रहा हो। ताकि, पुलिस को माओवादियों की जानकारी मिल सके।

मगर एसपीओ रहने के दौरान सुरेश चंद्राकार की सक्रियता देखकर एक अधिकारी ने उसे सुझाया कि यह SPO की नौकरी छोड़ कर ठेकेदारी करे। सुरेश को इस अधिकारी ने काम दिलाया और आर्थिक मदद भी की।
हेलीकॉप्टर में लेकर गया बारात…

ठेकेदार बनने के बाद पांच साल में ही सुरेश ने अपने आपको को इतना मजबूत कर लिया कि हेलिकाप्टर से बारात लेकर गया और अपनी पत्नी को विवाह कर लाया था। तब यह खबर सुर्खिया बनी थी।

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