एक बार फिर से कुम्भकर्णी निद्रा में ग़ाफ़िल बिजली विभाग…!

क्या जागने के लिए है फिर से किसी दुर्घटना का इंतज़ार…
मेंटेनेंस में ख़र्च करोड़ों रुपये की जमीनी हकीकत कुछ और…
वार्ड पार्षद भी हैं इसके लिए जिम्मेदार…
रायगढ़। इसे रायगढ़ का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि यहाँ कमजोर जनप्रतिनिधित्व का भुगतान आम जनता को अपने मौलिक अधिकारों के हनन से लेकर जान गंवाने तक करना पड़ता है।जनता की सेवा और सुविधा के लिए बने सरकारी विभागों की लचर कार्यप्रणाली पर कोई रोकटोक न होने के कारण अधिकारी एवं कर्मचारियों का निरंकुश रवैया कमोबेश हर जगह देखने को मिलता है।हाल ही में स्वास्थ्य विभाग एवं निगम की अनदेखी को पूरा शहर भुगत रहा है।न जाने कितने ही परिवारों की खुशियों को ग्रहण लग गया तब जाकर जिला प्रशासन और संबंधित विभाग एवं निकाय हरकत में आये।यदि पूर्व में ही सावधानी बरती जाती तो शायद आज भी उन घरों के चिराग रोशन रहते जो समय से पहले ही बुझ गए।जब इन घटनाओं को लेकर हो हल्ला मचता है तब जाकर संबंधित विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को वक्ती तौर पर कर्तव्यबोध होता है जोकि बहुत जल्द ही विस्मृत भी हो जाता है।
आपको बता दें कि पिछले दिनों मेडिकल एजेंसी में कार्यरत एक स्थानीय युवक मौदहापारा चर्च के पास असमय ही काल कवलित हो गया था।वजह बनी थी हाई टेन्शन बिजली की तार जोकि पेड़ की डाल टूटने की वजह से टूट कर सड़क पर पड़ी थी और वह युवक उसकी चपेट में आ गया था।युवक की असामयिक मृत्यु से लोगों का आक्रोश भड़क उठा था जिसको देखते हुए आनन फानन में कई जगह बिजली की तारों से सटे पेड़ों और लताओं को हटाया गया था।मेंटेनेंस के नाम पर हर साल करोडों रुपये का खर्च दिखाने वाले बिजली विभाग कितनी संजीदगी से अपने काम का निर्वहन करता है यह ऐसी ही घटनाओं से स्पष्ट हो जाता है।


यहाँशहर के दो अलग अलग स्थानों की फ़ोटो दिखाई गई है जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि करेंट प्रवाहित बिजली की तारों की ऊपर लता एवं वृक्ष की डाल खतरनाक तरीके से झूल रही है जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।ऐसा नहीं है कि इसकी सूचना बिजली विभाग को नही है लेकिन जिस विभाग की कुंभकर्णी निद्रा किसी दुर्घटना के बाद ही टूटती हो उसे पहले कितना भी जगा लो व्यर्थ ही होता है।