विडम्बना है कि हर बार कार्रवाई किसी बड़ी घटना के इंतज़ार में मानो रुकी रहती है..
सफ़ाई कर्मियों की हड़ताल से ठप्प पड़ी सफ़ाई व्यवस्था पटरी पर लाने की कवायद शुरू…
रायगढ़।प्रदेश सहित जिले में डेंगू फीवर के बढ़ते प्रकोप से स्वास्थ्य विभाग सहित निगम की अनदेखी ने समस्या को विकराल रूप धारण करवा दिया।जिले का स्वास्थ्य विभाग हमेशा की तरह अपने भ्रष्ट रवैये के चलते बीमार ही है वहीं नगर निगम भी सफ़ाई कर्मियों की मांगों को लेकर हड़ताल पर चले जाने को गंभीरता से नहीं लिया जिसका परिणाम आज सबके समक्ष है।आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दोनों ही पार्टियों के निर्वाचित जनप्रतिनिधि अपने क्षुद्र स्वार्थों के चलते कभी शहर सरकार गिराने और बचाने की नूराकुश्ती में व्यस्त हैं तो कुछ विधानसभा की दावेदारी पेश करने में लगे हैं।इन सबके बीच जिला प्रशासन की भूमिका सरकार बचाये रखने की कॉंग्रेसी कोशिशों और विपक्षी भाजपा के आंदोलनों में संतुलन बनाए रखने की रह गयी है।
इन सबका सम्मिलित परिणाम यह हुआ कि आज रायगढ़ जिले सहित शहर में ड़ेंगू का प्रकोप डेंजर जोन में जा पहुंचा।पिछले सालों की तुलना में इस बार बात ज्यादा बिगड़ चुकी है।स्वास्थ्य सेवाओं में कमी की वजह से ड़ेंगू और भी ज्यादा भयावह स्थिति में पहुंच गया है।सिटी स्कैन मशीन की तरह ही आनन फानन में मंगाये गए ब्लड सेपरेटर मशीन कबाड़ की शोभा बढ़ा रही है।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्लड सेपरेटर मशीन इंस्टॉल करने एवं कार्य में लेने के लिए लायसेंस इत्यादि प्रक्रिया अभी तक अपूर्ण है जिसकी वजह से ड़ेंगू जैसी बीमारी में इसका उपयोग नहीं लिया जा रहा है।
चुनावी माहौल में ड़ेंगू आज बीमारी से महामारी का रूप धारण कर चुकी है लेकिन मज़ाल है कि कोई जनता की सुधि लेने की जहमत भी उठाता नजर आ जाए…