
भोपाल। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती। शायद इसीलिए पार्टी ने प्रत्याशियों की पांचवीं सूची में जहां विधायकों के टिकट तो काटे लेकिन नए चेहरों पर दांव लगाने के बजाय पुरानों को ही आजमाना बेहतर समझा। शनिवार को घोषित 92 प्रत्याशियों की इस सूची में पुराने चेहरों पर ही दांव लगाया है।
पार्टी ने 34 विधायकों पर एक बार फिर भरोसा जताया है, कांग्रेस से आए चार विधायकों व अन्य दलों के विधायकों को भी भाजपा ने टिकट दिया है। तीन मंत्रियों सहित 28 विधायकों के टिकट काटे गए हैं। कुल 230 सीटों में से 228 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा हो चुकी है। गुना और विदिशा सीटों पर फिलहाल प्रत्याशी घोषित नहीं किए गए हैं।
वहीं, 2018 में विधानसभा चुनाव हारने वाले 20 पूर्व विधायकों को भाजपा ने एक बार फिर मैदान में उतारा है। पांचवीं सूची में उम्र सीमा का बंधन भी नजर नहीं आया। विधायक नागेंद्र सिंह गुढ़ और नागेंद्र सिंह (नागौद) की उम्र 80 वर्ष है और इन्हें टिकट दिया गया है।
तीन मंत्रियों शिवपुरी से यशोधरा राजे सिंधिया, बालाघाट से गौरी शंकर बिसेन और मेहगांव से ओपीएस भदौरिया को टिकट नहीं मिला है। हालांकि गौरी शंकर बिसेन की बेटी मौसम बिसेन को प्रत्याशी बनाया गया है। इंदौर-तीन विधानसभा सीट से आकाश विजयवर्गीय को टिकट नहीं मिला है। आकाश भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं। कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-एक सीट से मैदान में हैं।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में हारे हुए 20 पूर्व विधायकों पर एक बार फिर भरोसा जताया है। इनमें से कुछ पूर्व मंत्री भी हैं। पूर्व मंत्री माया सिंह (ग्वालियर पूर्व), जयंत मलैया (दमोह), अर्चना चिटनिस (बुरहानपुर) और अंतर सिंह आर्य (सेंधवा) को टिकट दिया गया है।
भाई के सामने भाई
होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मुकाबला रोचक हो गया है। भाजपा और कांग्रेस ने दो भाइयों को टिकट दिया है। यहां से भाजपा ने सीतासरन शर्मा पर दांव लगाया है तो कांग्रेस ने उनके भाई गिरजा शंकर शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। गिरजा शंकर भी भाजपा से विधायक रह चुके हैं। वहीं टिमरनी सीट से भाजपा से संजय शाह और कांग्रेस से उनके भतीजे अभिजीत शाह आमने-सामने होंगे। मनावर सीट से सबसे कम उम्र (26) के शिवराम कन्नौज को भाजपा ने टिकट दिया है।