MP-राजस्थान में बच्चों की मौतों के बाद महाराष्ट्र सरकार सख्त, FDA ने कप सिरप पर लगाई रोक

मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने से बच्चों की हुई मौतों के बाद महाराष्ट्र सरकार ने सख्त कदम उठाया है। राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि जहरीले पदार्थ पाए जाने के कारण इस कफ सिरप का उपयोग तुरंत बंद किया जाए।
एफडीए की प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि यह निर्णय मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत की खबरों के बाद लिया गया है। एडवाइजरी में जनता से अपील की गई है कि वह कोल्ड्रिफ सिरप (बैच नंबर SR-13) का इस्तेमाल बिल्कुल न करे।
साथ ही, सभी दवा दुकानों और वितरकों को निर्देश दिया गया है कि अगर उनके पास यह सिरप मौजूद है, तो उसकी बिक्री और वितरण तुरंत रोक दें और इसकी जानकारी स्थानीय ड्रग कंट्रोलर को दें। जनता चाहे तो इस दवा की जानकारी सीधे महाराष्ट्र एफडीए के टोल-फ्री नंबर 1800-222-365 पर भी दे सकती है।
एफडीए ने अधिकारियों को दिए आदेश
एफडीए ने बताया कि वे तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी (DCA) के संपर्क में हैं, क्योंकि इस कफ सिरप का निर्माता श्रीसन फार्मा वहीं स्थित है। महाराष्ट्र के सभी औषधि निरीक्षकों और सहायक आयुक्तों को आदेश दिया गया है कि वे दवा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों को तुरंत सतर्क करें।
विभाग ने आदेश दिया कि अगर यह सिरप कहीं भी स्टॉक में है तो उसे सील कर दें। विभाग ने कहा है कि यह कदम जनता की सुरक्षा और किसी भी संभावित खतरे से बचाव के लिए उठाया गया है।
MP के छिंदवाड़ा में कप सिरप से 10 बच्चों की मौत
इससे पहले, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में इस कफ सिरप के सेवन से 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। जांच में सामने आया कि सरकारी डॉक्टर प्रवीन सोनी ने निजी क्लिनिक में इलाज के दौरान बच्चों को गलत दवाएं दीं। दवा पीने के बाद बच्चों को तेज बुखार और पेशाब में तकलीफ होने लगी, जिससे उनकी किडनी फेल हो गई और मौत हो गई।
विभागीय जांच में पाया गया कि डॉक्टर ने बिना ठीक से जांच किए दवा लिख दी थी। स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए डॉक्टर को निलंबित कर दिया है। जांच में यह भी सामने आया कि अगर समय पर सही इलाज मिलता, तो बच्चों की जान बचाई जा सकती थी।




