छत्तीसगढी भाषा
कोन्दा भैरा के गोठ – सुशील भोले
-किन्नर मनला सुप्रीम कोर्ट ह जब तृतीय लिंग के रूप म स्वतंत्र चिन्हारी दिए रिहिसे तब मैं रायपुर के किन्नर मन संग भेंट कर के एक लंबा लेख अउ उँकर पीरा ल रेखांकित करत गीत लिखे रहेंव जी भैरा- “घर म रहि के घलो मैं बिरान होगेंव, कइसे बहिनी-भाई बर घलो आन होगेंव.’
- किन्नर मन के जीवन तो होथेच पीरा के खदान जी कोंदा.
-सही कहे संगी, फेर अभी बलौदाबाजार जगा के एक खदान म मिले किन्नर काजल के हत्या अउ लाश ले संबंधित खबर ह मोला झकझोर डरिस.
-वो कइसे?
-खबर म बताए गे हवय- रायपुर के जोरा बस्ती म किन्नर मन के मठ हे, जिहाँ के मुखिया बने बर या कहिन उहाँ के वर्चस्व खातिर निशा अउ तपस्या नॉव के किन्नर मन काजल नॉव के किन्नर ल सुपारी दे के मरवा दिस.
-वाह भई..! किन्नर मठ के वर्चस्व खातिर सुपारी..?
-हव जी.. उहू म 12 लाख रुपिया के सुपारी! बलौदाबाजार पुलिस ह ए पूरा मामला के खुलासा करे हे, जेमा दूनों किन्नर संग तीन झन सुपारी लेवइया मनला गिरफ्तार करे हे.
-बाप रे.. अइसन किन्नर मन ले संवेदनशील होय के बलदा सचेत रहे के जरूरत जनावत हे.