कोंदा भैरा के गोठ….
–अब हमर सब परब-तिहार मन व्यापारी मन के चकाचौंध म बूड़े विज्ञापन के पाछू परके माँहगी माँहगी जिनिस बिसाय भर के चिन्हारी बनत जावत हे जी भैरा.
-तोर कहना महूं ल वाजिब जनाथे जी कोंदा. अब देखना हमर ए धनतेरस परब ल टीवी पेपर मन के विज्ञापन अउ मुहुर्त मनला देखबे त अइसे जनाथे जइसे ए ह सिरिफ देखावा, चढ़ावा अउ फैशन वाले जिनिस मन के बिसाय के मुहुर्त वाला परब भर आय.
-सिरतोन आय संगी.. जबकि ए ह असल म हमर खेत म मुस्की ढारत खड़े अन्नपूर्णा दाई संग पेड़ पौधा अउ प्रकृति के पूजा के परब आय. धनतेरस के दिन किसान मन खेत म खड़े धान-पान ल सकेले के पहिली वोकर पूजा करथें, वो मन मानथें के अब हमन जम्मो लोगन खातिर बछर भर के जीवकोपार्जन खातिर अन्न के व्यवस्था कर डारेन. ए बेरा वो ह अपन खेत के मेड़ म पौधा घलो लगाथे. प्रकृति के आभार जताथें. अउ फेर सुरहुत्ती देवारी मान के धान लुवई के शुरुआत करथें.
-सही आय जी.. अउ जे मन ए दिन कुछू बिसाना घलो चाहथें त उनला बछर भर खातिर चाँउर, दार जइसन अन्न धन ही बिसाना चाही, तभे धनतेरस ह सही मायने म सुफल कहाही.