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कोन्दा भैरा के गोठ – सुशील भोले

अब तो किसान मनला घलो आयकर दे बर लागही तइसे जनावत हे जी भैरा.
-कइसे कहिथस जी कोंदा?
-सिरतोन आय संगी.. भारतीय रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति समिति के सदस्य आशिमा गोयल के कहना हे, के ‘गरीब किसान मन के खाता म पइसा भेज के उंकर देखभाल करे के बाद सरकार ह कराधान ढांचा म निष्पक्षता लाने बर अमीर किसान मन ऊपर आयकर लगाए के बारे म सोच सकथे.
-अच्छा.. बड़हर किसान मन ऊपर जी?
-हव गा.. गरीब किसान अउ बडहर किसान मन के मानक सीमा बना के अइसन कर सकथे.
-अब देखव रे भई.. कइसे गढ़न के उन का करथें ते.. अभी तो किसान मन कभू सूखा दुकाल त कभू पनिया दुकाल त कभू रोग-राई के महामारी दुकाल म चिथियाय रहिथे.. सरकार के आयकर के सपेटा पर जाही त अउ कइसे करही ते?
-अभी तो अइसन सोचे जा सकथे काहत हे.. फेर छोटे किसान अउ बड़े किसान मन संग सरकार के कर्तव्य घलो तो अलग अलग होना चाही ना.

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