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कोंदा भैरा के गोठ- व्यंग्यकार सुशील भोले..

अब कहूँ तोला बड़का सरकारी नौकरी चाही, त कोनो बड़का अधिकारी या नेता के घर म जनम लिए बर परही जी भैरा.. सिरिफ पढ़-लिख के योग्यता बटोरे भर म बात नइ बनय.
-कइसे गोठियाथस जी कोंदा.. योग्यता ले बढ़ के घलो कुछू होथे का?
-बने गोठियाथौं जी संगी.. अभी देखना हमर राज के लोक सेवा आयोग के जेन रिजल्ट आए हे तेन ला.. वोमा जोंगाय जम्मो नाम मनला देख के हाईकोर्ट ह घलो भुसभुस जनावत हे कहिके टिप्पणी कर दे हे.
-मतलब सत्ता-शासन सबोच म ‘अंधा बॉंटे रेवड़ी’ वाले कहावत लागू होगे हे जी.

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