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कोन्दा भैरा के गोठ – सुशील भोले

–अब देवी देवता मनला दे जाने वाला बलि प्रथा म थोक-बहुत बदलाव अउ कमी आवत असन जनाथे जी भैरा. काली महाअष्टमी परब के दिन ऐतिहासिक बस्तर दशहरा के बेरा म निशा जात्रा म रतिहा 12 बजे 12 बोकरा मन के बलि दे गइस. पहिली न इहाँ रियासत काल के बेरा म अतके अकन भैंसा के बलि दे जावय.
-सबके अपन परंपरा अउ मान्यता होथे जी कोंदा, फेर मोला लागथे के देवी-देवता मनला सात्विक पूजा ले घलो मनाए जा सकथे. हमर गाँव म पहिली मातर परब म बोकरा अउ कुकरा मन के बलि दे जावय, अब बोकरा के बलदा कोंहड़ा रखिया मनला काट के काम चला लेथें.
-अच्छा हे संगी.. हमर रायपुर के बंगाली समाज वाले मन अभी अष्टमी के दिन काली माता के पूजा म सादा रंग के कोंहड़ा अउ कुसियार के पूजवन देइन हें. अइसने सबो समाज के लोगन मनला सोच-विचार करत सात्विकता डहर बढ़ना चाही.