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कोन्दा भैरा के गोठ-सुशील भोले..

हमर छत्तीसगढ़ म अइसन कतकों परंपरा हे, जे मन देश के अउ कहूँ भाग म देखब म नइ आय जी भैरा.
-ए बात तो सिरतोन आय जी कोंदा.. अब देखना बस्तर दशहरा के ही विधान मनला काछन देवी ले कुवांर अमावस के अनुमति मिले के बाद कुवांर अंजोरी एकम माने नवरात के पहला दिन जोगी बिठाई के रसम करे गिस.
-अच्छा..
-हव.. एमा सिरहासार भवन म 6 ×3 फुट के गड्ढा कोड़े जाथे, जेमा हल्बा जनजाति के लोगन ल मावली देवी के पूजा करे के बाद बइठारे जाथे. ए बछर आमाबल गाँव के 22 बछर के रघु ल जोगी के रूप म बइठारे गे हे, जे ह पूरा 9 दिन तक योगासन के मुद्रा म उही गड्ढा म बइठे रइही.
-वाह भई.. अद्भुत हे हमर इहाँ के परंपरा अउ एकर साधक मन. जय मावली दाई.

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