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तीजा स्पेशल…कोंदा भैरा के गोठ… व्यंग्यकार सुशील भोले
–माता कौशल्या ह छत्तीसगढ़ के बेटी आय न जी भैरा.. त मोला ए जानना रिहिसे के वो ह तीजा माने बर इहाँ अपन मइके आवत रिहिस होही के नहीं?
-आही कइसे नहीं जी कोंदा, अउ जइसे इहाँ दूसर तीजहारिन मन तीजा उपास के पहिली दिन संझा करू भात खाथें अउ उपास के बिहान भर सब नता-रिश्ता अउ सखी-सहेली मन घर बासी खाए ले जाथें, तइसने उहू जावत रिहिसे.
-अच्छा.. अउ राम ह?
-महतारी संग बेटा कइसे नइ आही संगी.. उहू आवत रिहिस होही, अउ जब कौशल्या ह बासी खाए बर सब घर जावत रिहिस होही, त उंकर पाछू-पाछू नदिया बइला ल ढुलावत दउंड़त रिहिस होही.
-सिरतोन आय जी… इहाँ के बेटी-माई अउ वोकर लइका ह अपन परंपरा ल कइसे नइ मानहीं. मइके अउ मइके के परंपरा तो इंकर बर सबले बढ़ के होथे.