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कोन्दा भैरा के गोठ-व्यंग्यकार सुशील भोले…

-एदे आचार संहिता लगे के संग चुनावी डुगडुगी बाजगे जी भैरा. तैं ए बछर कोन पार्टी ल वोट देबे ते?
-मैं पार्टी के आधार म कभू वोट नइ देवौं जी कोंदा. हमर क्षेत्र ले जे उम्मीदवार सबले गुनी, काम-बुता म सक्रिय अउ हमर अस्मिता संग मया करइया जनाथे उहीच ल वोट देथौं.
-तब तो तोर वोट पाए मनखे ह कतकों पइत हार घलोक जावत होही?
-हार-जीत ले मतलब नइ राखौं संगी, मैं सबो दृष्टि ले अपन सिद्धांत के मुताबिक योग्य मनखे ल वोट डारे हौं, ए बात के मन म संतुष्टि होथे, इही ह मोर बर सार बात आय.
-बने बात आय जी, अब महूं ह पार्टी-उर्टी के बदला मनखे अउ वोकर योग्यता ल देखहूं.
-जरूरी हे, काबर ते कभू-कभार पार्टी के नॉव म खेदू-बिसाहू किसम के लोगन ल घलो चुनावी मैदान म उतार दिए जाथे, अइसन मन ले हमला सावचेत रहे बर लागही.

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