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कोन्दा भैरा के गोठ- व्यंग्यकार सुशील भोले..

–अब लोककल्याण के दृष्टि ले जतका भी दिन तिथि या दिवस घोषित करे जावत हे, सबोच ह सिरिफ नेता अउ अधिकारी मन के फोटो खिंचवाए के दिवस के रूप म लहुटत जावत हे तइसे जनाथे जी भैरा.
-कइसन दिवस ह जी कोंदा?
-जइसे पर्यावरण दिवस के दिन ठन-ठन ले सुक्खा भुइयाॅं म पौधा मनला मरे बर लगा के फोटू खिंचवा लेथें, ठउका वइसनेच अभी स्वच्छता दिवस के दिन घलो देखे बर मिलिस हे.
-का देखे ले मिलिस?
-कालीच देखेन. नेता जी सड़क के सफाई करे बर आही कहिके कर्मचारी मन पहिली दूसर जगा के कचरा ल उठा के वो मेर लान के मढ़ाईन, तहाँ ले नेता जी दल-बल के संग वो जगा आइस अउ एक ठन खरहरा बाहरी म वो कचरा ल बाहरे असन पोज बना के फोटू खिंचवाइस अउ चल दिस.
-अच्छा.. त फेर वो कचरा के का होइस संगी?
-नेता जी के फोटू खिंचवा के जाए के बाद फेर वोला कर्मचारी मन उठा के लेगिन.