देश विदेश

IT सेक्टर में बढ़ रही मंदी, बंद हो रहे कई प्रोजेक्ट; लोगों की छीन रहीं नौकरियां

वैश्विक स्तर पर इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) सेंक्टर में मंदी का दौर गहरा होते जा रहा है। जहां एक तरफ बड़ी टेक कंपनियां और स्टार्टअप्स भारी छंटनियां कर रही हैं, वहीं देश के 1 करोड़ से अधिक युवा सरकारी नौकरियों की दौड़ में शामिल हो चुके हैं। इससे सरकारी नौकरियों की सीमित सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा और भी तेज हो जाएगी। देश का युवा वर्ग आने वाले समय में अत्यंत कठिन और गंभीर स्थिति का सामना कर सकता है।

इंटेल 24,000 कर्मचारियों की छंटनी करेगा, जबकि टीसीएस 12,000 से अधिक कर्मचारियों को कंपनी से निकालने की योजना बना चुका है। इसके साथ ही माइक्रोसॉफ्ट 10,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की योजना पर काम कर रहा है, जबकि इन्फोसिस अपने कर्मचारियों की वेतन नहीं बढ़ा रहा है।

दुनिया की प्रमुख चिप निर्माण कंपनी इंटेल इस साल लगभग 24,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने जा रही है जो उसके कुल वर्कफोर्स का लगभग एक चौथाई हिस्सा है। इसके साथ ही कंपनी ने जर्मनी और पोलैंड में चल रही अपने बड़े विस्तार परियोजनाओं को भी रद्द कर दिया है। कंपनी के सीईओ लिप-बू टैन ने कर्मचारियों को भेजे एक नोट में इन फैसलों को कठिन लेकिन आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि अब से हर निवेश को आर्थिक रूप से उचित ठहराना होगा और केवल वही उत्पाद और सेवाएं विकसित की जाएंगी जिनकी बाजार में जरूरत हो।

2024 के अंत तक इंटेल के पास 99,500 कर्मचारी थे। लेकिन 2025 के अंत तक वह इस संख्या को 75,000 तक सीमित करना चाहती है। कंपनी ने हाल ही में रिस्ट्रक्चरिंग पर लगभग 1.9 अरब डॉलर का खर्च किया और अब वह 50% मैनेजमेंट फ्रेमवर्क को हटा दिया है। इसके साथ ही 3,000 लोगों को रोजगार देने वाली जर्मनी की मेगा फैब प्रोजेक्ट को भी रद्द कर दिया है।

2,000 लोगों की क्षमता वाला पोलैंड का असेंबली और टेस्ट सेंटर पर भी पूरी तरह से बंद हो चुका है। कोस्टा रिका की असेंबली यूनिट का काम वियतनाम और मलेशिया भेजने से 3,400 में से 2,000 कर्मचारी प्रभावित होंगे। इंटेल ने ओहायो (अमेरिका) में बन रही 28 अरब डॉलर की चिप फैक्ट्री का निर्माण कार्य और धीमा कर दिया है, जो अब संभवतः 2030 के बाद ही पूरा होगा।

आईटी कंपनियों के संकट से भारत के युवाओं के सामने एक आर्थिक, करियर और मनोवैज्ञानिक संकट खड़ा हो रहा है। सरकार और नीति-निर्माताओं को जल्द ही रोजगार के अवसरों को पुनर्जीवित करने, उद्योगों को समर्थन देने और युवाओं को स्किलिंग व अपस्किलिंग में सहायता करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button