बग़ैर लाइसेंस के “फटाका गोदाम” की जगह “बर्तन गोदाम” में पटाखों का अवैध भंडारण और विक्रय…! सूत्रों के अनुसार 31 मार्च 2025 को लाइसेंस की आवधिकता समाप्त..! रायगढ़ के दो बड़े पटाखा विक्रेताओं पर नियमों की अनदेखी का बड़ा आरोप… अवैध भंडारण से बढ़ा खतरा..!

रायगढ़, छत्तीसगढ़ – रायगढ़ जिले के दो पटाखा विक्रेताओं पर लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन कर अवैध रूप से पटाखों का भंडारण और विक्रय करने का गंभीर आरोप सामने आया है। बताया जा रहा है कि ये व्यापारी अपने लाइसेंस में दर्ज पते के बजाय गैलेक्सी मॉल के पीछे स्थित प्रतिष्ठान बर्तन गोदाम से पटाखों का भंडारण एवं विक्रय कर रहे हैं।य़ह कृत्य न केवल विस्फोटक अधिनियम का घोर उल्लंघन है बल्कि ज़न जीवन की सुरक्षा के लिहाज से गंभीर खतरा बन सकता है।
प्राप्त शिकायत के अनुसार, जिन व्यापारियों पर आरोप लगाया गया है, उनके नाम निम्नलिखित हैं:
1. श्री अभिषेक अग्रवाल / नरसिंह दास अग्रवाल – लाइसेंस संख्या 3/आर/2011
2. श्री राजकुमार अग्रवाल / पूनमचंद अग्रवाल – लाइसेंस संख्या 2/आर/2011
शिकायतकर्ता ने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि उपरोक्त व्यापारी पटाखों का भंडारण और विक्रय गैलेक्सी मॉल के पीछे स्थित अपने प्रतिष्ठान बर्तन गोदाम से कर रहे हैं, जो कि उनके लाइसेंस में दर्ज स्थान नहीं है। यह Explosives Rules, 2008 एवं Explosives Act, 1884 के प्रावधानों का खुला उल्लंघन है। Explosives Rules, 2008 के उल्लंघन पर शिकायत कर्ता ने जिला एवं पुलिस प्रशासन से उचित एवं कठोर कार्रवाई की मांग की है कि Explosives Rules, 2008 एवं Explosives Act, 1884 के प्रावधानों के अंतर्गत विभिन्न कृत्यों जैसे—
बिना लाइसेंस विस्फोटकों का भंडारण,
सुरक्षा मानकों की अवहेलना,
अवैध परिवहन या उपयोग आदि बिन्दुओं की विस्तृत जांच एवं विवेचना की जाए।
आपको बता दें कि उपरोक्त नियम एवं शर्तों का उल्लंघन करने पर Explosives Act, 1884 की दंडात्मक धाराएं लागू होती हैं साथ ही
1. लाइसेंस रद्द / निलंबित किया जा सकता है।
2. विस्फोटक जब्त किए जा सकते हैं।
3. भवन या परिसर सील किया जा सकता है।
4. आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है।
IPC की धारा 286 अथवा भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 122 के तहत विस्फोटकों के साथ लापरवाही बरतने पर 6 महीने की सजा या जुर्माना या दोनों भी हो सकता है।
इस संबंध में जिला प्रशासन से शिकायत की गई है, जिसमें मांग की गई है कि तत्काल स्थल का निरीक्षण कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जिला प्रशासन इस गंभीर मामले पर क्या कार्रवाई करता है और ऐसे नियम उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कितनी सख्ती बरतता है।


