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GST मीटिंग में लिए जा सकते हैं ये अहम फैसलें, सभी राज्यों को होगा फायदा

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज बुधवार से जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक होने जा रही है। इस दौरान जीएसटी रिफॉर्म को लेकर कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं। इसके साथ ही काउंसिल राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई करने पर भी विचार कर सकती है। यह कदम प्रस्तावित जीएसटी रेट्स के तर्कसंगतिकरण से होने वाले तत्काल रेवेन्यू नुकसान को देखते हुए उठाया जा सकता है।

मामले से जानकार सूत्रों का कहना है कि, जीएसटी परिषद इस भरपाई के लिए कम्पनसेशन फंड में उपलब्ध अनुमानित 40,500 करोड़ रुपये की सरपल्स अमाउंट का उपयोग करने पर विचार कर रही है।

बता दें कि जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक 3 और 4 सितंबर को होने वाली है, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है। इससे पहले मंगलवार को अधिकारियों की एक बैठक हुई, जिसमें इस प्रस्ताव पर शुरुआती तैयारी की गई। इसके अलावा दो दिनों तह होने वाले इस बैठक में केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव पर चर्चा होगी, जिसके तहत मौजूदा चार टैक्स स्लैब में से दो 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत को हटाकर केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दरें रखी जाएंगी।

इसके अलावा लग्जरी और सिन उत्पादों के लिए 40 प्रतिशत का स्पेशल स्लैब प्रस्तावित है। गौरतलब है कि भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी ने इनडायरेक्ट टैक्स (GST 2.O) में अगली पीढ़ी के रिफॉर्म की बात कही थी। इसमें मुख्य रूप से रेट रेशनलाइजेशन, स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स और ईज ऑफ लिविंग पर जोर दिया गया था।

केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर मंत्रियों के समूह (GoP) ने सहमति जताई है कि 12 प्रतिशत टैक्स स्लैब के ज्यादातर उत्पादों को 5 प्रतिशत पर और 28 प्रतिशत के अधिकांश प्रोडक्ट को 18 प्रतिशत पर लाया जाए। अंतिम फैसला जीएसटी परिषद लेगी,जो राज्यों की राजस्व नुकसान की भरपाई के रूप में कम्पनसेशन फंड का इस्तेमाल करने पर विचार-विमर्श कर सकती है। हालांकि, इसपर आखिरी फैसला जीएसटी काउंसिल ही ले सकेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री जीएसटी परिषद की अध्यक्षता करती हैं। वहीं, मंत्रियों के समूह की कमान बिहार के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी संभाल रहे हैं।

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