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CM पद पर खुलकर दावा नहीं, पर कैसे इशारों में हर बात कह गए शिवराज

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भविष्य पर कयास लग रहे हैं। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करते हुए 163 सीटें पाई हैं। इसके बाद भी शिवराज सिंह चौहान सीएम बनेंगे या नहीं, यह अभी तय नहीं है। इस बीच हमेशा संभलकर बोलने वाले शिवराज सिंह का भी बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने सीएम पद पर खुलकर दावेदारी तो नहीं की है, लेकिन इशारों से बहुत कुछ कहा है। उन्होंने मंगलवार को वीडियो जारी कर कहा था कि मैं भाजपा कार्यकर्ता हूं और जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, उसे पूरा करूंगा। यही नहीं मीडिया से बाद में बात करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि मैं दिल्ली नहीं जा रहा हूं।

शिवराज ने कहा था कि मैं दिल्ली नहीं बल्कि छिंदवाड़ा जा रहा हूं, जहां की सातों सीटें हम नहीं जीत सके। हमारा लक्ष्य है कि भाजपा को 2024 में सभी 29 सीटें मध्य प्रदेश में जिताकर दी जाएं। इस तरह शिवराज सिंह चौहान ने यह बताने की कोशिश की कि वह अब भी एमपी के सबसे बड़े नेता हैं और वह बिना कोई मांग किए लोकसभा इलेक्शन में जुट गए हैं। शिवराज सिंह चौहान की यह स्मार्ट स्ट्रैटेजी मानी जा रही है, जिसमें उन्होंने खुलकर कुछ कहा नहीं है और संकेतों में अपनी दावेदारी भी जता दी है।

अपने बयान में शिवराज सिंह चौहान ने कई बार पीएम मोदी के नेतृत्व का जिक्र किया और खुद को सौभाग्यशाली बताया। इस तरह उन्होंने राजस्थान में वसुंधरा राजे की तरह शक्ति प्रदर्शन जैसी चीजों से दूरी बना ली है और अपने काम को गिनाया है। यही नहीं शिवराज ने माताओं-बहनों को भी संबोधित करते हुए एक वीडियो शेयर किया है। उन्होंने कहा कि बहनों फिर से 10 तारीख आ रही है, ‘लाडली बहना योजना’ की राशि फिर आपके खाते में डाली जाएगी। इस तरह उन्होंने बताया है कि वह आज भी प्रदेश के मुखिया ही हैं और जनता के लिए काम करते रहेंगे।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘मैं एक कार्य़कर्ता हूं। पार्टी ने जब जो काम किया, उसे पूरी ईमानदारी से मैंने किया है। मैं मुख्यमंत्री का दावेदार न तो पहले कभी रहा और ना आज हूं। मैं एक कार्यकर्ता के नाते उस काम को पूरी क्षमता से करूंगा, जो पार्टी मुझे सौंपेगी। मोदी जी हमारे नेता हैं और उनके साथ काम करने में हमने सदैव गर्व का अनुभव किया है।’ इस तरह बारीक अंदाज में शिवराज सिंह चौहान ने अपनी दावेदारी पेश की है। उनकी सरकार की लाडली बहना स्कीम को भी जीत की वजह माना जा रहा है। इसके अलावा मोदी की गारंटी भी एक फैक्टर है। ऐसे में शिवराज एक प्रबल दावेदार तो हैं ही और उन्हें फिर से मौका मिल जाए तो कोई हैरानी नहीं होगी।

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