एक्सक्लुसिव न्यूज़

शिकायत थी सही.. कार्यवाही में हो रही देरी.. और भी हैं कई पीड़ित- क्या न्याय मिलेगा उन्हें रहते जीवित..!औरो हिल्स कॉलोनी के डायरेक्टर्स पर निजी भूमि अतिक्रमण का आरोप, सीमांकन पंचनामा में खुलासा..मारपीट, गुण्डागर्दी के बल पर  निजी जमीन हथियाने का आरोप..

निजी भूमि सहित शासकीय भूमि और तालाब पर अतिक्रमण की हैं गंभीर शिकायतें…

पुलिस अधीक्षक सहित कलेक्टर ज़नदर्शन में भी हुई है शिकायत…

अभी केवल एक आवेदक के आवेदन पर वर्षों बाद हुआ है सीमांकन,लंबित हैं अन्य आवेदन…
रायगढ़, 3 अगस्त 2025:
ग्राम अमलीभौना स्थित खसरा नंबर 11/3 की भूमि पर अतिक्रमण का मामला सामने आया है, जिसमें ऑरो हिल्स कॉलोनी के डायरेक्टर राजेश अग्रवाल और मुकेश अग्रवाल पर गंभीर आरोप लगे हैं। यह खुलासा न्यायालय तहसीलदार रायगढ़ के आदेश पर 30 जून 2025 को किए गए सीमांकन और पंचनामा के दौरान हुआ।

आवेदिका केवरा बाई, पत्नी स्व. शिरोत्तम पटेल, निवासी कोतरा रोड रायगढ़ द्वारा प्रस्तुत आवेदन के आधार पर गठित सीमांकन दल ने विवादित भूमि का सीमांकन किया। सीमांकन के दौरान आवेदिका की ओर से उनके पुत्र नरेश चंद्र पटेल उपस्थित रहे। भूमि के चारों ओर के सीमावर्ती भूमिस्वामी और अन्य व्यक्ति भी मौके पर मौजूद थे।

सीमांकन के दौरान यह पाया गया कि खसरा नंबर 11/3, रकबा 1.158 हेक्टेयर में से लगभग 70 वर्ग मीटर भूमि पर राजेश अग्रवाल व अन्य द्वारा अपने अहाते के भीतर अतिक्रमण किया गया है। यह अतिक्रमण स्पष्ट रूप से सीमांकन के नक्शे एवं स्थल निरीक्षण के आधार पर सिद्ध हुआ।

आपको बता दें कि अनावेदक पक्ष के द्वारा पूर्व में कई बार सीमांकन की कार्यवाही बाधित की गई थी तथा इस बार भी उनके द्वारा सीमांकन नोटिस लेने से इंकार किया जाकर मौके पर अनुपस्थित रहा गया हालांकि उनके प्रतिनिधि के तौर पर अन्य व्यक्ति उपस्थित थे जिन्हें सीमांकन कार्य बाधित करने के लिए बुलाया गया था ऐसा पीड़ित पक्ष का कहना है।

मौके पर पंचनामा तैयार किया गया, जिसे उपस्थित लोगों के समक्ष पढ़कर सुनाया गया और हस्ताक्षर करवाया गया। हालांकि, अनावेदक पक्ष की ओर से उपस्थित अमित एवं अन्य लोगों ने पंचनामा पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया, किंतु वे पूरी कार्यवाही के दौरान मौके पर मौजूद रहे।

सूत्रों के अनुसार, पंचनामा के आधार पर राजेश अग्रवाल और मुकेश अग्रवाल, पिता स्व. रामनिवास अग्रवाल के विरुद्ध राजस्व और विधिक कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकती है। अतिक्रमण हटाने तथा वैधानिक दंडात्मक कार्यवाही के लिए रिपोर्ट तहसील कार्यालय को भेजी जा रही है।

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