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बदल जथे सरकार
बदल जथे सरकार
गोठ के ब्यापार ले…

बदल जथे सरकार
गोठ के ब्यापार ले
अउ बदल जथे
सरकार
नोट के कारोबार ले
अउ बदल जथे
सरकार
उल्टपलट वार ले
अउ बदल जथे
सरकार
जनाधार के बंठाधर ले
अउ बदल जथे
सरकार
गारंटी के स्वीकार ले
अउ बदल जथे
सरकार
अपराधी के दरकिनार ले
अउ बदल जथे
सरकार
फ्री म बाँटे ले उधार ले
अउ बदल जथे
सरकार
अपने अहम व्यवहार ले
अउ बदल जथे
सरकार
सट्टा के वार ले
अउ बदल जथे
सरकार
अपने अपन के खार ले
अउ बदल जथे
सरकार
नौकरी म भ्रष्टाचार ले
अउ बदल जथे
सरकार
पूंजी सकेले भरमार ले
अउ बदल जथे
सरकार
चापलूसी सलाहकार ले
अउ बदल जथे
सरकार
गुन्नीक मुक्का बिचार ले
अउ बदल जथे
सरकार
महगाई के मार ले
अउ बदल जथे
सरकार
बेकार बेरोजगार ले
अउ बदल जथे
सरकार
पोल निकले
इतवार ले
रचयिता :-मुरारी लाल साव
कुम्हारी