विश्लेषण :ओ पी चौधरी की जीत के मायने..! – यशवंत खेडुलकर..

उच्च शिक्षित होने के साथ साथ ब्यूरोक्रेसी का अनुभव…
कृषक परिवार से होने के कारण किसानों की मूलभूत आवश्यकताओं की जानकारी…
रायगढ़।आसन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा ने रायगढ़ विधानसभा के लिए ओ पी चौधरी को अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया है। ओ पी चौधरी के व्यक्तित्व की विशेषताओं की यदि हम बात करें तो वे एक बेहद सरल और सुलझे हुए व्यक्ति जरूर हैं लेकिन कई मामलों में राजनीतिक रूप से परिपक्व न होना उनके लिए राजनीति का स्याह पहलू जरूर हो सकता है साथ ही पार्टी एजेंडे के अनुसार कार्य करने में वे अपने सिद्धांतों से समझौता करने में कई बार असमर्थ नजर आते हैं जिससे भी उन्हें अपेक्षित जनभावना का समर्थन नहीं मिल रहा है।ओ पी चौधरी का एक ग्रामीण कृषक परिवार से होना और प्राथमिक शिक्षा सरकारी स्कूल से होने के बावजूद अच्छी पढ़ाई कर देश की सर्वोच्च प्रतियोगी परीक्षा क्रेक करने उपरांत कलेक्टर जैसे पद पर कार्य करने का अनुभव उनकी पृष्ठभूमि के उजले पक्ष को दर्शाता है।यही नहीं पढ़ाई के प्रति उनकी लगन और जुनून ऐसा कि अन्य मेधावी छात्रों को प्रेरित करने विभिन्न कार्यक्रम चलाना एवं समय समय पर मार्गदर्शन करना उनकी मानो हॉबी हो।विगत दिवस भी भाजपा द्वारा जारी सूची में रायगढ़ विधानसभा के लिए अधिकृत किये जाने के पश्चात प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अपनी मानसिकता जाहिर की, कि यदि वे चुनाव जीत जाते हैं तो उनकी प्राथमिकता शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने की होगी।चूँकि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो किसी भी समाज,देश के विकास में अहम भूमिका निभाता है।शिक्षा से ही आप कुरीतियों, विसंगतियों का विश्लेषण करने में सक्षम हो पाते हैं।शिक्षा ही समाज के विकास के द्वार खोलती हैं।शिक्षा ही आपको आपके मौलिक, सामाजिक, कानूनी अधिकार का ज्ञान कराती है जिसके कारण आप व्यवस्था के साथ उचित तालमेल जमाते हुए अपने और परिवार के साथ समाज को भी विकास की राह पर अग्रसर कर सकते हैं।यदि रायगढ़ के भावी विधायक की प्राथमिकता ही शिक्षा हो तो समझिए कि इसी के माध्यम से विकास के सारे द्वार स्वयमेव खुल जाने हैं।आज हमारे जिले सहित प्रदेश में शिक्षा का स्तर क्या है यह किसी से भी छिपा नहीं है हालांकि कॉंग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने इस क्षेत्र में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के संचालन सहित जेईई नीट हेतु निःशुल्क कोचिंग जैसी शिक्षा के स्तर में उन्नयन हेतु पिछली सरकारों की तुलना में सराहनीय कार्य किया है फिर भी उपयुक्त परिपालन के अभाव में अपेक्षित परिणाम से ये दूर ही रही है। वहीं हम ओ पी चौधरी की बात करें तो उन्होंने राज्य सरकार में विभिन्न पदों पर सेवा देते हुए व्यक्तिगत रुचि के कारण जिला दंतेवाड़ा में तमन्ना, नन्हे परिंदे, छु लो आसमान, शिक्षा शहर, लाईवलीहुड कालेज जैसे विशेष शैक्षिक परियोजनाओं का शुभारंभ किया | इन परियोजनाओं की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में व्यापक सराहना की जाती है | इन्ही विशेष शैक्षिक परियोजनाओं के शुभारम्भ हेतु ओ पी चौधरी को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधान मंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।रायपुर में कलेक्टर के पद पर कार्य करने के दौरान ओ पी चौधरी ने ऑक्सी-रीडिंग जोन, 100 स्मार्ट स्कूल, आरटीई (पारदर्शिता), युवा सितारा के लिए कैरियर विकास मार्गदर्शन जैसे बहुत से कार्यो को अंजाम दिया जोकि उनकी क्रियाशीलता को प्रदर्शित करता है।
शासकीय सेवा से इस्तीफा देने के बाद एवं खरसिया विधानसभा चुनाव में हारने के बाद भी उनके जज़्बे में कोई कमी नहीं आई हालांकि खरसिया विधानसभा चुनाव के दौरान उनके एक दो वक्तव्यों को लेकर काफी हो हंगामा मचा था लेकिन फिर भी अपने क्षेत्र सहित राज्य भर में उनसे जुड़े पीएससी और यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों की मदद करना उन्होंने छोड़ा नहीं।यही नहीं राज्य सरकार के पीएससी, व्यापम सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित धांधलियों को विस्तार से उजागर करने में उनका अनुभव झलकता है।इस बार जैसे कि संभावना जताई जा रही है कि भूपेश बघेल के नेतृत्व में ही कॉंग्रेस छत्तीसगढ़ में दुबारा सरकार बनाने जा रही है तो भी रायगढ़ विधानसभा से ओ पी चौधरी के जीत के मायने कहीं न कहीं अलग होने के साथ जनहितकारी हो सकते हैं।
हालांकि रायगढ़ विधानसभा से ओ पी चौधरी को प्रत्याशी बनाये जाने पर कॉंग्रेस सहित भाजपा संगठन के एक विशेष गुट में मरोड़ें उठनी शुरू हो गई हैं। भाजपा कॉंग्रेस के कुछ नेताओं के कतिपय गठजोड़ “सिंडीकेट” को यह डर सताने लगा है कि रायगढ़ नगर पालिक निगम में ठेकेदारी, ट्रांसपोर्टिंग व्यवसाय,कोल व्यवसाय, सरकारी निर्माण एजेंसियों में मनमानी कर टेंडर उठाना, सरकारी एवं आदिवासी जमीनों को हथियाना,सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान इत्यादि कार्यों को सिंडीकेट बना कर हथियाने में गाहे बगाहे रोक लगने की संभावना बलवती हो जायेगी, जिससे भी एक विशेष तबका ओ पी चौधरी को पैराशूट,बाहरी प्रत्याशी निरूपित करने में लगा है ताकि मतदाताओं को भ्रमित किया जा सके और रायगढ़ विधानसभा का प्रतिनिधित्व किसी कठपुतली के हाथों बना रहे।
ये लेखक के निजी विचार हैं …