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ACB के सवालों ने उगलवाए कई नाम, आबकारी, कंपनियों से जुड़े अधिकारियों

रायपुर। तत्कालीन भूपेश सरकार में दो हजार करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले के मामले के आरोपित पूर्व आबकारी अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी, होटल कारोबारी अनवर ढेबर, अरविंद सिंह से एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) व इकोनामिक आफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) की टीम की पूछताछ में कई नाम सामने आए हैं, जिन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ की तैयारी की जा रही है। इसमें आबकारी से जुड़े अधिकारी, कंपनियां और रिटायर आइएएस को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। जांच टीम ने इनसे पूछताछ के लिए लगभग 50 सवाल तैयार किए हैं।

उल्लेखनीय है कि टीम ने तीन दिन पूर्व प्रदेश भर में 27 जगहों पर छापे मारे थे, जहां से जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच से भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। एसीबी के सूत्रों की माने तो सदर बाजार में जिस सराफा कारोबारी के यहां छापामार कार्रवाई की गई थी, उसके द्वारा शराब के पैसे हवाला के जरिए विदेश में निवेश किए हैं। वहीं, अरुणपति त्रिपाठी के भी विदेश में निवेश करने की जानकारी मिली है।

जिन लोगों से पूछताछ हो सकती है, उनमें जनार्दन कौरव, नीतू नोतानी, दिनकर वासनिक, नवीन प्रताप सिंह तोमर, इकबाल खान, विकास गोस्वामी, अशोक सिंह, अनिमेष नेताम, अरविंद पाटले, विजय शर्मा, रामकृष्ण मिश्रा, मंजुश्री कसेर, सौरभ बख्शी, नितिन खंडुजा, मोहित जायसवाल, रविश तिवारी, गरीबपाल दर्दी, नोहर सिंह ठाकुर, सोनल नेताम, प्रमोद नेताम, आशीष श्रीवास्तव समेत अन्य अधिकारी हैं।

ईओडब्ल्यू सेवानिवृत आइएएस व पूर्व मुख्य सचिव (सीएस) विवेक ढांढ, अनिल टूटेजा और निरंजन दास से पूछताछ की तैयारी कर रही है। इन्हें जल्द ही नोटिस देकर बुलाया जाएगा। कुछ दिन पहले ही टीम ने छापा भी मारा था, लेकिन कोई भी घर पर नहीं मिले थे।

ईओडब्ल्यू ईगल हंटर साल्यूशन, ए-टू जेड प्रा.लि., सुमीत फैसलिटीस, अलर्ट कमांडो, रतनप्रिया मीडिया कंपनी, अनुराग ट्रेडर्स, अदीप एग्रोटेक प्रा.लि., अदीप एंपायर्स, नेक्सजेन पावर इंजीटेक, श्री ओम सांई बेवरेजेस, दिशिता वेंचर्स, छत्तीसगढ़ डिस्टलरिस, भाटिया वाइन एंड मर्चेंटस, टाप सिक्योरिटी फैसिलिटीज मैनेजमेंट, प्राइम वन वर्क फोर्स, प्रिज्म होलोग्राफी, प्राइम डेवलपर्स, एजेएस एग्रोट्रेड प्रालि, सफायर इस्पात, जगदंबा इंटरप्राइजेस सहित अन्य कंपनियों के खिलाफ जांच कर रही है, जो पिछली सरकार में शराब सिंडीकेट से जुड़े हुए थे। इन्होंने ही पिछले पांच साल काम किया है। हालांकि अब भी इनको काम मिला है। इनसे अब उस समय किए गए कामों की जानकारी ली जाएगी।

महादेव एप घोटाला मामले के आरोपित नितिन टीबरेवाल की दूसरी जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। रायपुर स्थित पीएमएलए कोर्ट ने याचिका खारिज की। एप संचालक संचालक सौरभ चंद्राकर की कंपनियों में पार्टनर और महादेव एप से हुई कमाई से विदेश में संपत्ति खरीदने के आरोप में ईडी ने उसे गिरफ्तार किया था। वहीं, कोयला घोटाले में जेल में बंद निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर फैसला 16 अप्रैल तक टल गया है। पीएमएलए कोर्ट ने जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है।

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