छत्तीसगढ़प्रादेशिक समाचार

प्रदेश के कलाकार मन थोड़कीन म गुजारा करथे, अउ बाहिर के मन अपन झोली भरत हे-

छत्तीसगढ़ राज ह कला संस्करीति के समृद्धि राज हे, इंहा के कलाकार मन अपन कलाकारी ले पूरा देस-दुनिया म अपन नाव अउ छत्तीसगढ़ के नाव ल बगराये हे, कहिथे न कोनो कलाकार बड़े-छोटे नइ होवय सब समय के खेल होथे कोनो बहुत जल्दी आघु बढ़थे त कोनो थोड़-थोड़ आघु बढ़थे, तभो ले छत्तीसगढ़ के कलाकार मन के संग सम्मान के मामला म सम्मान राशि के मामला म जबले छत्तीसगढ़ राज बने हे तबले भेद-भाव होवत हे, छत्तीसगढ़ के माटी ले जनमें बड़े-बड़े कलाकार मन जेन मन ल जियत ले अपन सारी जिनगी ल छत्तीसगढ़ के कला-सांस्करीति ल आघु बढ़ाये म सिरा दिन तेन कलाकार मन अपन जीवन के अंतिम बेरा म स्वास्थ लाभ ले बर दर-दर भटकथे, पइसा के तंगी के कारन एती-ओती गोहार लगाथे तभो ले कोनो सुनने वाला नइ रहे, अइसने उदारहण कई ठीक हवय जेखर बाद घलोक अभी के कलाकार मन ल कोनो बने असन मंच राज्य ह नइ दे सकत हे, छत्तीसगढ़ के कलाकार मन अपने राज्य म भेद-भाव के सिकार होवत रहिथे, जिन्हा बाहिर ले आये कलाकार संगीतकार म ल झोली भर-भर के पइसा मिलथे उहें छत्तीसगढ़ के लोकल कलाकार गीतकार मन ल अपन थोड़कीन मेहनताना ले बर सासन-प्रसासन के आघु म गिड़गिड़ाये ल लगथे बिनती करे ल पढ़ जाथे।

अभी कुछ दिन पहली के गोठ आये छत्तीसगढ़ राज्य म देखे बर मिले हे के छत्तीसगढ़ के कलाकार ल कई बार विभाग ह फंड नइ होये के बहाना बना के उंखर सहयोग तक नइ करें हे, उहें बाहिर ले आये गीतकार कलाकार मन ल भर-भर के पइसा दे हवय जेखर से बाहिर ले आये कलाकार मन हमर छत्तीसगढ़ से अपन झोली भर के जाथे फेर छत्तीसगढ़ के मूल निवासी गीतकार कलाकार ल सासन-प्रसासन कोती ले जादा सहयोग नइ मिल सकय जेखर कारन छत्तीसगढ़ के गीतकार कलाकार मन बहुत कम आमदनी म अपन जीवनयापन करे बर मजबूर हो जथे।

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