विविध समाचार

शनि साढ़ेसाती, शनिढैय्या के साथ 5 राशि वाले करें ये उपाय

श्रावण का महीना बहुत ही शुभ महीना होता है, इस साल श्रावण दो महीने में आने के कारण शिव भक्तों के लिए यह साल बहुत खास था। श्रावण मास समाप्त हो चुका है, 15 सितंबर को श्रावण समाप्त हो जाएगा, जिसके बाद भाद्रपद माह शुरू हो जाएगा।

9 सितंबर को साल का आखिरी श्रावण शनिवार है।

शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है, इस दिन शनि की पूजा करने से शनिदोष कम होता है। ऐसा कहा जाता है कि यदि श्रावण के शनिवार को कुछ उपाय किए जाएं तो शनि साढ़ेसाती और शनि ढैय्या से पीड़ित लोगों को कुछ राहत मिल सकती है।

इस समय मकर, कुम्भ और मीन राशि पर शनि साढ़ेसाती प्रथम चरण में चल रही है। साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या है। यदि शनि की साढ़ेसाती और शनिढैय्या मौजूद हो तो कई समस्याएं उत्पन्न होंगी। इस समस्या के समाधान के लिए श्रावण शनिवार का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और शनि ढैय्या है, वे शनि यह उपाय करें तो अच्छा है

* इस दिन गहरे नीले रंग के कपड़े पहनकर भगवान शिव की पूजा करें और शनिदेव की भी पूजा करें।

* हाथ में रुद्राक्षी की माला लेकर शनि मंत्र का जाप करें

* श्रावण के शनिवार को बरगद के पेड़ के नीचे तिल का दीपक जलाएं।

* शिवलिंग का जल से अभिषेक करते समय उसमें तिल डालें और अभिषेक करें।

इस उपाय को करने से शनि की परेशानी थोड़ी कम हो जाएगी।

शनि मंत्रों का जाप करें

ओम हिल्म शं शनाय नमः”

“ओम प्रां प्रीं प्रौं सह शनैश्चराय नमः” “

ओम शं शनैश्चराय नमः”

“ओम् ऐंग हारिंग शेयरिंग शं शनैश्चराय नमः औम्”

शनि गायत्री मंत्र

ॐ शनैश्चराय विद्मये

सूर्यपुत्राय दाहिमहि

तन्नो मंदा प्रचोदयात्

शनि ध्यान मंत्र

नीलांजना समभं रविपुत्रं यमाग्रजं

छाया मार्तण्ड समभत् तम नमामि शैश्चरम

करें ये उपाय

* शास्त्रों में कहा गया है कि शनिदेव की पूजा का सबसे अच्छा समय सूर्यास्त के बाद का होता है, सूर्यास्त के बाद बरगद के पेड़ के नीचे तिल का दीपक जलाएं।

*इस दिन जरूरतमंदों की मदद करें

* इस दिन तेल में अपना चेहरा देखें और उस तेल का दान करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button