दिल्ली का दिल अब पानी-पानी, सरकार के दरवाजे यमुना की दस्तक; हथिनीकुंड-वजीराबाद बैराज ने बढ़ाई टेंशन

देश की राजधानी दिल्ली इस वक्त बाढ़ की चपेट में है। यमुना नदी का जलस्तर सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ चुका है और अब इसका पानी शहर के दिल तक पहुंच गया है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि दिल्ली सरकार के कामकाज का केंद्र यानी दिल्ली सचिवालय भी बाढ़ के पानी से घिर चुका है। दिल्ली के लोग यमुना का ये रौद्र रूप देखकर लोग सहमे हुए हैं, क्योंकि नदी का पानी अब रिहायशी इलाकों, व्यस्त चौराहों और यहां तक कि राहत शिविरों को भी अपनी चपेश में ले चुका है।
दिल्ली में यमुना का जलस्तर गुरुवार सुबह 207.48 मीटर तक पहुंच गया, जिसने 2010 और 2013 के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया है। यमुना किनारे बसे यमुना बाजार, निगम बोध घाट और मयूर विहार जैसे इलाके तो पूरी तरह जलमग्न हैं ही, लेकिन अब पानी कश्मीरी गेट, सिविल लाइंस और ITO जैसे प्रमुख हिस्सों में भी घुस गया है। मयूर विहार फेज-1 में बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाया गया राहत कैंप भी पानी में डूब गया है, जिससे लोगों की मुसीबतें और बढ़ गई हैं।
जब सरकार के दरवाजे पर पहुंची बाढ़
दिल्ली के लिए यह संकट कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यमुना का पानी अब दिल्ली सरकार के सचिवालय के गेट तक पहुंच गया है। दीवार को तोड़कर पानी अंदर आने की कोशिश कर रहा है, जिसे रोकने के लिए रेत की बोरियां लगाई गई हैं। अगर जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो सचिवालय को बंद करने की नौबत भी आ सकती है। वहीं, पॉश इलाके सिविल लाइंस में कई बंगलों और स्वामी नारायण मंदिर में पानी भर गया है। सड़कों पर गाड़ियां तैरती हुई नजर आ रही हैं और लोगों को अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है।
शहर की रफ्तार पर लगा ब्रेक
बाढ़ का असर दिल्ली की लाइफलाइन मानी जाने वाली सड़कों पर भी पड़ा है। शहर के सबसे व्यस्त चौराहों में से एक ITO पर यमुना का पानी बह रहा है, जिससे कनॉट प्लेस के नजदीक इस इलाके में ट्रैफिक की समस्या खड़ी हो गई है। कश्मीरी गेट बस टर्मिनल पूरी तरह पानी में डूब चुका है और आसपास की सड़कों पर दो से तीन फीट तक पानी जमा है। इस बीच, एनएच-44 पर अलीपुर में एक फ्लाईओवर का हिस्सा धंस जाने से दिल्ली-चंडीगढ़ रूट भी प्रभावित हुआ है। इस घटना में एक ऑटो चालक के घायल होने की भी खबर है। सामने आ रही ड्रोन से ली हुई तस्वीरों में दिल्ली बाढ़ की भयावहता को स्पष्ट रुप से देखा जा सकता है।



